फ्री मैडिकल कैंप में 50 मरीजों का चेकअप
। माता चितपूर्णी धर्मशाला में चलाए जा रहे चैरिटेबल अस्पताल में मुफ्त मेडिकल कैंप लगाया गया।
संवाद सहयोगी,मोगा
माता चितपूर्णी धर्मशाला में चलाए जा रहे चैरिटेबल अस्पताल में मुफ्त मेडिकल कैंप लगाया गया। इस कैंप में दांतों के विशेषज्ञ डाक्टर तनव जिदल व डाक्टर शक्ति गुरप्रसाद ने 50 मरीजों चेकअप किया।
डा. शक्ति गुरप्रसाद ने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें आलस्य का त्याग करके सुबह व सायं पार्क में सैर करनी चाहिए। अगर शरीर में किसी तरह की भी तकलीफ आती है तो अपनी मर्जी की दवा लेने की जगह डाक्टर से जांच करवानी चाहिए। फास्ट फूड की जगह हरी भरी सब्जियों का सेवन करें।
चैरिटेबल ट्रस्ट व धर्मशाला के अध्यक्ष वरिदर बांसल व सचिव नरेश धीर ने कहा कि पिछले लंबे समय से मरीजों की सुविधा के लिए ट्रस्ट द्वारा निश्शुल्क डिस्पेंसरी व अस्पताल चलाया जा रहा है। कोविड-19 महामारी के चलते कुछ समय के लिए डिस्पेंसरी बंद करनी पड़ी थी। अब फिर से इसे शुरू किया गया है। रोजाना शाम को अलग-अलग बीमारियों से पीड़ित मरीजों का माहिर डाक्टरों द्वारा इलाज किया जाएगा। ताकि जो आर्थिक रुप से कमजोर परिवार हैं व अपना इलाज नहीं करवा पाते वे डिस्पेंसरी का लाभ उठा सकें। इस अवसर पर बलदेव सिंह, लाल चंद परवाना, शरद सूद, दीपक बांसल, मास्टर प्रेम कुमार आदि उपस्थित थे। भक्ति कुंज में करवाया रसमय संकीर्तन जवाहर नगर स्थित भक्ति कुंज में रविवार की सायं रसमय संकीर्तन का आयोजन किया गया। समागम में हुकमचंद सराफ व सेवादार यशपाल पाली ने ठाकुर जी के भव्य दरबार में पूजन करके ज्योति प्रचंड की।
इस दौरान भक्ति रस संकीर्तन मंडल के गायकों ने मेरे राधा रमन, तन मन उस पर वारी, बलिहारी है तिहारी गुरु बलिहारी , आजा-आजा बरसाने वाली राधे प्रेम सुधा बरसाने वाली राधे, दरबार निराला है मेरे ठाकुर का, जय गोपाल राधा कृष्ण गोविद गोविद,राधे राधे श्याम मिलादे,जैसे भजनों का गायन किया।
समागम में ठाकुर जी का भव्य दरबार और छप्पन भोग आकर्षण का केंद्र रहे। वृंदावन धाम से पधारी भुवनेश्वरी देवी ने कहा कि ऐसा प्रभु प्रेम रस, शास्त्रों का रस जिसने चखा होता है वहीं जानता है। महाराज ऐसे जगदगुरु हैं उन्होंने किसी की बात काटी नहीं बल्कि उनके संशय को दूर किया। भुवनेश्वरी देवी ने कहा कि बड़े भाग्य से मानव तन पाया। महापुरुष जो लिखते हैं वह सत्य है लेकिन हमारी बुद्धि ऐसी है जो समझ नहीं पाती। मनुष्य के कर्म जड़ है। हम जो भजन व सिमरन करते हैं, हर क्षण भगवान अंदर बैठा हमारे हर कार्य को लिखता है। इसलिए सदैव अच्छे कर्म करें। उन्होंने कहा कि सभी को आपसी प्रेम भाव के साथ जीवन व्यतीत करना चाहिए। कार्यक्रम के समापन पर आरती कर प्रसाद वितरित किया गया।