जिले में चार ब्लैक स्पॉट, एक साल में हुए 312 हादसे
सर्दी बढ़ने के साथ ही दिन-ब-दिन बढ़ते कोहरे से अधूरे हाईवे सहित शहर की कई सड़कों पर हादसों का खतरा भी बढ़ गया हैं।
राज कुमार राजू, मोगा : सर्दी बढ़ने के साथ ही दिन-ब-दिन बढ़ते कोहरे से अधूरे हाईवे सहित शहर की कई सड़कों पर हादसों का खतरा भी बढ़ गया हैं। शहर के सात किलोमीटर लंबे अधूरे हाईवे, मैहमेवाला चौक, चड़िक चौक, बहोना चौक में सड़क हादसों को रोकने के लिए न जिला प्रशासन की ओर से व न ही ट्रैफिक पुलिस की ओर से कोई ठोस उपाए किए गए हैं, ये स्थिति तब है जब पिछले एक साल 312 सड़क हादसों में 11 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 187 लोग घायल हो चुके हैं। हादसों के मुख्य प्वाइंट कोहरे में ढकने के बाद और भी ज्यादा खतरनाक हो गए हैं, लेकिन किसी को परवाह ही नहीं है।
बता दें कि हर साल बहोना चौक में बड़ी संख्या में सड़क हादसे होते हैं। मोगा-कोटकपूरा मार्ग पर स्थित बहोना चौक सबसे ज्यादा व्यस्ततम चौक है। बावजूद इसके अभी तक यहां पर ट्रैफिक लाइटें नहीं लगी हैं। मोगा-कोटकपूरा मार्ग पर वाहन काफी तेज गति से चलते हैं, ऐसे में बहोना व मोगा की ओर से जाने वाले वाहनों के साथ अक्सर यहां टक्कर हो जाती है।इसी के निकट मैहमेवाला रोड, चड़िक रोड पर भी सड़क हादसे सामान्य दिनों में भी काफी ज्यादा होते हैं, धुंध व कोहरे के मौसम में ये सड़कें और भी ज्यादा खतरनाक बन जाती हैं।
शहर में अधूरा हाईवे पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। फोकल प्वाइंट के निकट हाईवे व लिक रोड के लेवल में बड़ा अंतर होने के कारण यहां हाईवे से लिक रोड पर उतरते ही वाहन पलट जाते हैं। पिछले महीने में एक ही दिन में चार ट्रक पलटने के बाद रात को लोगों ने हंगामा किया व हाईवे जाम कर दिया। इस मामले को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया तो अगले दिन ट्रैफिक पुलिस ने हाईवे व लिक रोड के बीच बड़े-बड़े पत्थर रखवा दिए, लेकिन घना कोहरा शुरू होते ही पत्थर कोहरे में छुप जाने पर फिर से हादसे होने की आशंका है, यहां पर न तो रिफलैक्टर हैं न ही स्ट्रीट लाइट, हमेशा अंधेरा छाया रहता है। खुला छोड़ा बुग्गीपुरा ओवरब्रिज का एक हिस्सा
बुग्गीपुरा ओवरब्रिज पर बुग्गीपुरा चौक के ऊपर ब्रिज का एक हिस्सा खुला छोड़ा हुआ है, जहां से दोपहिया वाहन आराम से निकलकर 40 फीट नीचे सड़क पर गिर सकता है, कई बार ये खतरनाक प्वाइंट सामने आने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कोट्स
ट्रैफिक पुलिस मुलाजिमों व एनजीओ के साथ वाहनों पर रिफलेक्टर लगवाने का काम तेज कर दिया गया है। सड़क के उन स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है कि जहां ज्यादा हादसे होते हैं, उन्हें रोकने के ठोक उपाय जल्द किए जाएंगे, साथ ही जिन स्थानों पर पिछले सालों में ज्यादा हादसे हुए हैं, वहां पर रिफलेक्टर अथवा ट्रैफिक लाइटों की व्यवस्था कराने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि हादसों को रोका जा सके।
डीएसपी (सिटी) परमजीत सिंह समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से लगाए जाएंगे रिफ्लेक्टर : डीसी
डीसी संदीप हंस ने कहा है कि जिले में हादसे रोकने के लिए योजना तैयार की जा रही है। समाजसेवी संगठनों को भी वाहनों पर ज्यादा से ज्यादा रिफ्लेक्टर लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हाईवे के मामले को लेकर भी सरकार व हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को लिखा गया है।