Move to Jagran APP

फर्जी नियुक्ति पत्र पर महिला शिक्षक नौ साल करती रही नौकरी

विजिलेंस ब्यूरो मोहाली ने फर्जी नियुक्ति पत्र पर नौकरी करने के मामले में तीन साल की लंबी जांच के बाद अध्यापिका शिक्षा विभाग के सुपरिटेंडेंट व सीनियर सहायक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। धोखाधड़ी का ये मामला लुधियाना फिरोजपुर व मोगा जिले के संबंधित हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 10:27 PM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 06:08 AM (IST)
फर्जी नियुक्ति पत्र पर महिला शिक्षक नौ साल करती रही नौकरी
फर्जी नियुक्ति पत्र पर महिला शिक्षक नौ साल करती रही नौकरी

जागरण संवाददाता, मोगा : विजिलेंस ब्यूरो मोहाली ने फर्जी नियुक्ति पत्र पर नौकरी करने के मामले में तीन साल की लंबी जांच के बाद अध्यापिका, शिक्षा विभाग के सुपरिटेंडेंट व सीनियर सहायक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। धोखाधड़ी का ये मामला लुधियाना, फिरोजपुर व मोगा जिले के संबंधित हैं।

loksabha election banner

इस मामले का मास्टर माइंड बताया जा रहा सुपरिटेंडेंट मोगा में डीईओ दफ्तर मोगा से सेवानिवृत्त हो चुका है। हैरानी की बात है कि डीपीआइ पंजाब चंडीगढ़ ने फर्जी नियुक्ति पत्र पर नौकरी करने वाली अध्यापिका की सेवाएं भी रेगूलर कर दीं थीं। उसका पीएफ खाता खुलकर सर्विस के दौरान उसका पीएफ भी कटता रहा। हेराफेरी करने वालों का हौंसला इस कदर है कि मामले की पोल खुलने के बाद अब डीईओ फिरोजपुर, डीपीआइ (सीनियर सैकेंडरी) चंडीगढ़ दफ्तर से अध्यापिका की नियुक्ति व उसे रेगूलर करने से संबंधित पूरा रिकॉर्ड ही गायब कर दिया।

विजीलेंस ब्यूरो के सहायक इंस्पेक्टर जनरल (एआइजी) आशीष कपूर ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ प्राथमिक जांच के बाद केस दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है, हालांकि अभी कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। विजीलेंस ब्यूरो के मोहाली स्थित थाना उड़न दस्ता (फ्लाइंग स्क्वायड) में सोशल साइंस मिस्ट्रेट हरिदर कौर, तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट मंगल दास ग्रोवर, डीइओ फिरोजपुर के तत्कालीन सीनियर सहायक दर्शन सिंह के खिलाफ आइपीसी की धारा 420 /465/467/468 /471/120बी के तहत 10 अक्टूबर को केस दर्ज किया है। ऐसे हुई हेराफेरी

एफआइआर के मुताबिक अध्यापिका हरिदर कौर पर आरोप है कि उसने डीपीआइ (सीनियर सेकेंडरी) दफ्तर की ओर से 24 अगस्त 2009 को लुधियाना जिले में तैनाती के लिए जाली नियुक्ति पत्र तैयार किया था। बाद में किसी कारण 23 नवंबर 2009 को लुधियाना में नियुक्ति पत्र पर किसी प्रकार से नियुक्ति न होने की बात लिखवाकर उस पर लुधियाना डीईओ दफ्तर का असली दस्ती नंबर डलवा लिया था। लुधियाना डीईओ दफ्तर का असल डिस्पैच नंबर लगा होने के आधार पर उसे फिरोजपुर डीईओ ऑफिस में नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। डीईओ फिरोजपुर दफ्तर में सात दिसंबर 2009 को नियुक्ति पेश की गई था और अध्यापिका फिरोजपुर के एक एलीमेंट्री स्कूल में नौकरी करने लगी। सुपरिंटेंडेंट व सीनियर सहायक विभाग की नौकरी से रिटायर्ड हो चुके हैं। विजीलेंस ब्यूरो की प्राथमिक जांच में पता चला है कि जाली नियुक्ति पत्र के आधार पर डीपीआइ (सीनियर सेकेंडरी) दफ्तर की ओर से 15 जनवरी 2010 को अध्यापिका को पीएफ खाता अलाट कर दिया गया था। साल 2012 में विभाग ने उसे कन्फर्म कर दिया था। सूबे में अकाली हुकूमत के दौरान मलोट क्षेत्र में भी साल 2009 में जाली नियुक्ति पत्रों से नौकरियां हासिल करने के मामले सामने आने के बाद एक अकाली नेता की बहू और एक अन्य करीबी रिश्तेदार को तकरीबन डेढ़ साल पहले नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है। विजिलेंस को बडे़ घपले की आशंका

अपनी जांच रिपोर्ट में विजिलेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि डीईओ फिरोजपुर दफ्तर से अध्यापिका का सर्विस रिकॉर्ड गुम करने और डीपीआइ दफ्तर में से मंडल अफसर बलजीत कौर की पड़ताल रिपोर्ट गायब करने के मामले की विस्तार से जांच की जाए तो इसमें कई और चेहरे बेनकाब हो सकते हैं, ये भी संभव है कि मामला एक अध्यापिका तक सीमित न हो, फर्जी नियुक्तियां कराने वाला पूरा गैंग ही काम कर रहा हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.