किसानों ने नहीं माने आदेश, प्रशासन भी बेबस
मोगा : सरकारी आदेशों को नजरअंदाज करते हुए जिले भर में किसानों ने धान की रोपाई का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। हालांकि सरकारी आदेशानुसार 20 जून से पहले धान लगाने पर रोक लगी थी, लेकिन किसानों ने 16 जून के बाद से अपने खेतों को धान की रोपाई के लिए तैयार करना शुरू कर दिया था। मंगलवार को जिले भर का कोई भी गांव ऐसा नहीं था, जहां धान की रोपाई शुरू न हुई हो।
जागरण संवाददाता, मोगा : सरकारी आदेशों को नजरअंदाज करते हुए जिले भर में किसानों ने धान की रोपाई का काम युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। हालांकि सरकारी आदेशानुसार 20 जून से पहले धान लगाने पर रोक लगी थी, लेकिन किसानों ने 16 जून के बाद से अपने खेतों को धान की रोपाई के लिए तैयार करना शुरू कर दिया था। मंगलवार को जिले भर का कोई भी गांव ऐसा नहीं था, जहां धान की रोपाई शुरू न हुई हो। कृषि विभाग के अधिकारियों की इसकी पूरी जानकारी थी, लेकिन वह चाहकर भी किसानों को अपनी मनमर्जी करने से रोक नहीं सके।
इस मामले को लेकर जब जिले के मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. ह¨रदर ¨सह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किसान आगामी दिनों में होने वाली बारिश की संभावना को देखते हुए धान की रोपाई की तैयारी में जुटे हैं, क्योंकि रविवार को हुई बारिश के बाद से खेतों में धान की रोपाई के लिए पर्याप्त नमी भर चुकी है। ठंडे बस्ते में डाला नानकसर में धान रोपाई का मामला
नानकसर डेरे के सेवादारों ने बाघापुराना के गांव समाध भाई में चार एकड़ जमीन में धान की रोपाई 16 जून को कर दी थी। इसके बाद कृषि विभाग ने उन्हें नोटिस जारी किया और साथ ही इस मामले को डीसी दिलराज ¨सह से भी कहा गया। पहले दिन कृषि विभाग ने नानकसर की जमीन पर हल चलाने का दावा किया, लेकिन राजनीतिक हस्ताक्षेप के चलते ये मामला अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। 1 लाख 65 हजार हैक्टेयर में लगाया जाना है धान
मुख्य कृषि अधिकारी का कहना है कि जिले भर में 1 लाख 65 हजार हैक्टेयर में धान की रोपाई होना तय है। उन्होंने बताया कि इस साल वह करीब दस हजार हेक्टेरयर में धान की सीधी रोपाई का लक्ष्य पूरा करने वाले हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस साल किसानों में बासमती को लेकर खासा उत्साह है और जिले भर में करीब 6 हैक्टेयर में बासमती की रोपाई होगी। .धान रोपाई के लिए मजदूर ढूंढने में जुटे किसान
धान रोपाई के लिए किसानों ने मजदूरों की तलाश शुरू कर दी है। बीते साल की तुलना में इस साल धान रोपाई के रेट में पांच सौ रुपये प्रति एकड़ का इजाफा हुआ है। घल्ला कलां के किसान मंजीत ¨सह का कहना है कि बीते साल उन्होंने धान की रोपाई के लिए 23 सौ रुपये से 25 सौ रुपये प्रति एकड़ का ठेका दिया था, लेकिन इस साल ये ठेका बढ़कर तीन हजार पर पहुंच चुका है। तीन हजार रुपये देने पर भी मजदूर धान रोपाई के लिए नहीं मिल रहे हैं। कई किसानों ने धान की रोपाई के लिए खेत तैयार करने से पहले ही मजदूरों को अपने पास खेतों में खाने पीने का सामान देखकर रखा हुआ है, ताकि खेत तैयार करने के बाद उन्हें मजदूर तलाश करने की जरूरत न पड़े।