पुलिस दिखी बेबस : वीकेंड लाकडाउन में किसानों ने निकाला रोष मार्च
। शहर में शनिवार को किसान व मजदूर संगठनों ने वीकेंड लाकडाउन की धज्जियां उड़ाकर शहर भर के प्रमुख बाजारों में रोष मार्च निकाला।
राजकुमार राजू.मोगा
शहर में शनिवार को किसान व मजदूर संगठनों ने वीकेंड लाकडाउन की धज्जियां उड़ाकर शहर भर के प्रमुख बाजारों में रोष मार्च निकाला। ज्यादातर प्रदर्शनकारियों के मुंह पर न मास्क था न ही इन्होंने शारीरिक दूरी नियम का पालन किया। प्रदर्शनकारियों की जिद के आगे पुलिस के आला अधिकारी भी बेबस नजर आए।
डीएसपी सिटी बरजिदर सिंह भुल्लर ने रोष मार्च से पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने, उधर किसानों की तमाम कोशिश के बावजूद शहर में एक भी दुकानदार ने अपनी दुकान नहीं खोली। ये स्थिति तब है जब बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर हाहाकार मची हुई है।
सुबह से ही जुटना शुरू हो गए
दुकानें खोलने की मांग को लेकर किसानों का ट्रैक्टर ट्रालियों, कारों से नेचर पार्क में सुबह 10 बजे से ही आना शुरू हो गया था। करीब साढ़े दस बजे तक पार्क में 500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी एकत्रित हो चुके थे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सुबह से ही पार्क के निकटवर्ती क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था, लेकिन पुलिस ने ट्रैक्टर ट्रालियों से आते हुए किसानों को रोकने का प्रयास ही नहीं किया। बड़ी संख्या में किसानों के नेचर पार्क में पहुंचने के बाद डीएसपी सिटी बरजिदर सिंह भुल्लर ने किसान नेताओं को काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे। उन्होंने डीएसपी की इस दलील को भी खारिज कर दिया कि कोरोना की चेन तोड़ने के लिए मिनी लाकडाउन लगाया गया है। उनका प्रदर्शन आम लोगों की जिदगी को बचाने के लिए किए जा रहे उपायों पर भारी पड़ सकता है लेकिन जिद पर अड़े प्रदर्शनकारी किसी बात को मानने के लिए तैयार नहीं हुए।
नेचर पार्क में धरने के बाद प्रदर्शनकारी अंडरब्रिज से निकलकर रेलवे रोड, चेंबर रोड, प्रताप रोड, न्यू टाउन, पुरानी सिटी रोड, चौक शेखां, मेन बाजार से होते हुए। वापस नेचर पार्क में पहुंचकर प्रदर्शन को समाप्त घोषित किया गया। अधिकांश प्रदर्शनकारी बिना मास्क के थे। शारीरिक दूरी नियम की धज्जियां तो उनके पहुंचते ही उड़ने लगी थीं। प्रदर्शनकारियों में शामिल कुछ युवक तो हाथों में हाकी लेकर कानून का मजाक उड़ा रहे थे। किसानों की जिद को देखते हुए एसपी हेड क्वार्टर गुरदीप सिंह, डीएसपी सिटी बरजिदर सिंह भुल्लर, थाना सिटी-एक के प्रभारी गुरप्रीत सिंह बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ प्रदर्शनकारियों के आगे चल रहे थे। दुकानदारों ने नकारी किसानों की अपील
प्रदर्शनकारी शहर के हर प्रमुख बाजार में प्रदर्शन करते हुए निकले, लोगों से दुकानें खोलने की अपील की लेकिन दुकानदारों ने उनकी अपील खारिज कर दी, एक भी दुकानदार ने प्रदर्शन के बावजूद दुकान नहीं खोली। दुकानदार किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ सीधे तो बोलने की हिम्मत नहीं जुटा सके, लेकिन ये बात उन्होंने जरूर कही कि उन्हें अपने बच्चों व अपनी सुरक्षा भी देखनी है। जिदगी ही नहीं रहेगी तो कारोबार क्या करेंगे ?
घल्लकलां व किशनपुरा ने किया प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व
प्रदर्शनकारी किसानों का नेतृत्व भाकियू नेता बलौर सिंह घल्लकलां, गुरमीत सिंह किशनपुरा कर रहे थे। करीब ढाई घंटे तक शहर के प्रमुख बाजारों में पसरे सन्नाटे को प्रदर्शनकारी किसानों ने तोड़ा। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार मिनी लाकडाउन लगाकर व्यापार को खत्म करना चाहती है। कोरोना महामारी से सरकार बचाना चाहती है तो अस्पतालों में आक्सीजन, मेडिकल सुविधाएं व डाक्टरों की कमी को पूरा करे। बेवजह दुकानें बंद करवाकर व्यापारियों को परेशान न किया जाए। पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई
मिनी लाकडाउन में खुली दुकानों के मामलों में पुलिस ने पिछले एक सप्ताह में 11 केस दर्ज कर चुकी है लेकिन प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को न सिर्फ वीकेंड लाकडाउन का उल्लंघन किया, बल्कि कोरोना सेफ्टी प्रोटोकाल की भी धज्जियां भी उड़ाईं, लेकिन पुलिस ने 500 से ज्यादा लोगों की भीड़ एकत्रित होने के बावजूद किसी को रोका नहीं, न ही उनके खिलाफ केस दर्ज किया।
कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसलिए सख्ती नहीं की
इस संबंध में डीएसपी सिटी बरजिंदर सिंह का कहना है कि उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन किसान नहीं माने। कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसलिए कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया।