धान रोपाई के लिए मजदूरों की तलाश में जुटे किसान
हाईलाइटर -जिले के 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर में लगाया जाना है धान धान रोपाई का प्रति एकड़ रेट 25 सौ
हाईलाइटर -जिले के 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर में लगाया जाना है धान
धान रोपाई का प्रति एकड़ रेट 25 सौ रुपये से बढ़कर तीन हजार के पार कर दिया है।
इस साल 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई होनी है। विनय शौरी, मोगा :
एडवांस में 20 से 30 हजार रुपये, मुफ्त में यूपी या बिहार फोन करने की सुविधा, केवल कनेक्शन वाला टीवी, मुफ्त में अच्छी रिहायश, तीन समय अच्छा खाना या राशन, पीने के लिए अच्छी शराब, सप्ताह में दो बार मास-मछली और नहाने के लिए साबुन-तेल आदि देने के दावे किसानों द्वारा धान रोपाई करने वाले मजदूरों को दिए जा रहे हैं। इन सभी सुविधाओं का वायदा करने वाले किसानों के फिर भी धान रोपाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। मजदूरों की तलाश में किसान अपने खेत खलिहान छोड़कर मोगा के किसान रेलवे स्टेशन के अलावा लुधियाना, फिरोजपुर और ब¨ठडा रेलवे स्टेशनों पर रात दिन डेरा डाले हुए हैं। हरेक पैसेंजर ट्रेन के डिब्बों में जाकर मजदूरों की तलाश किसान एक दूसरे से आगे होकर कर रहे हैं। मजदूरों की किल्लत ने प्रति एकड़ धान रोपाई के ठेके को 25 सौ रुपये से तीन हजार के पार पहुंचा दिया है।
हरियाणा और पंजाब में धान रोपाई के लिए एक ही तारीख
मोगा रेलवे स्टेशन पर मजदूरों की तलाश करने पहुंचे किसान अंग्रेज ¨सह ने बताया हरियाणा और पंजाब ने धान रोपाई के लिए 20 जून की तारीख की थी। दोनों राज्यों में एक ही तारीख होने के कारण उत्तरप्रदेश और बिहार से धान रोपाई के लिए आने वाले मजदूर पंजाब में कम पहुंच रहे हैं। मजदूरों की बढ़ी मांग ने धान रोपाई का प्रति एकड़ रेट 25 सौ रुपये से बढ़कर तीन हजार के पार कर दिया है।
धान रोपाई में देरी हुई तो गेहूं का उत्पादन होगा कम
किसान सुखमंदर ¨सह ने बताया कि यदि धान रोपाई में देरी हुई तो बारिश का भरपूर फायदा उसकी फसल को नहीं मिल सकेगा। देरी से धान लगाने पर उसकी कटाई भी देरी से होगी और गेहूं को दिए जाने वाले सर्दी से 100 दिन वह नहीं दे सकेगा तो उसके गेहूं के प्रति एकड़ उत्पादन पर सीधा असर होगा। इसी कारण से हर कोई किसान जल्द से जल्द धान रोपाई का काम जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास कर रहा है।
1 लाख 65 हजार हेक्टयेर में लगना है धान
मुख्य जिला कृषि अधिकारी डॉ. ह¨रदर ¨सह का कहना है कि जिले भर में इस साल 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई होनी है। इसके लिए किसानों ने बीते तीन दिनों से तैयारी शुरू कर रखी है। बुधवार से पावरॉम ने कृषि सैक्टर को बिजली सप्लाई पर्याप्त मात्रा में देना शुरू कर दिया है और किसान तेजी से धान रोपाई में जुट चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसान धान रोपाई के बजाए यदि सीधी बिजाई पर जोर दें तो उन्हें इसका भरपूर फायदा हो सकता है।
पावरकॉम कर्मियों के आगे भी गिड़गिड़ा रहे किसान
गांव ¨सघावाला के किसान राजा ¨सह ने बताया कि धान रोपाई के लिए बिजली सप्लाई शुरू होते ही कई किसानों के ट्रांसफार्मर अधिक लोड के कारण जल गए हैं। नए ट्रांसफार्मर लगाने या बाधित बिजली सप्लाई को दुरुस्त करवाने के लिए उन्हें अब पावरकॉम कर्मचारियों के पीछे घुमना पड़ रहा है। इस किसान का कहना है कि यदि किसी किसान को अपने खेत के लिए जले हुए ट्रांसफर्मर को बदलवाना होगा तो कम से कम उसे इसके लिए बिना किसी रसूद दस हजार रुपये तक पारवकॉम के जेई को देना होगा, ताकि वह कम से कम समय में उसके लिए बाधित बिजली दुरुस्त करवा दे।
हमेशा बारी का करना पड़ता है इंतजार
गांव बुर्द दुन्ना के किसान मंदीप ¨सह का कहना है कि किसानों को हमेशा अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। फसल के लिए खाद, फसल को बेचने के लिए मंडियों में बारी, नहरी पानी के लिए बारी, बाधित बिजली दुरुस्त करवाने को बारी, धान रोपाई के लिए मजदूरों की टोली हासिल करने के लिए बारी और तो और फसल की कटाई के लिए कंबाईन हासिल करने के लिए भी बारी का इंजार करना पड़ता है।
मनरेगा योजना ने भी किसान से छीन लिए मजदूर
गांव कोरेवाला के किसान रेशम ¨सह का कहना है कि कुछ साल पहले तक धान रोपाई के लिए मजदूरों को तलाश करने को ज्यादा दौड़ धूप नहीं करनी पड़ती थी। गांवों से ही किसानों को कई परिवार धान रोपाई के लिए मिल जाया करते थे। आज गांवों के अधिक मजदूर मनरेगा योजना अधीन काम करने लगे हैं।