नियमों को ताक पर रखकर किसानों व मजदूरों ने किया रोष प्रदर्शन
मोगा किसान व मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेतृत्व में किसानों व मजदूरों ने मंगलवार को फिर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मिनी सचिवालय के सामने रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान न तो मास्क पहनने का ध्यान रखा गया और न ही शारीरिक दूरी का बनाए रखने का पालन किया गया।
संवाद सहयोगी, मोगा
किसान व मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेतृत्व में किसानों व मजदूरों ने मंगलवार को फिर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मिनी सचिवालय के सामने रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान न तो मास्क पहनने का ध्यान रखा गया और न ही शारीरिक दूरी का बनाए रखने का पालन किया गया। बता दें कि कृषि अध्यादेश व बिजली संशोधन बिल 2020 को रद करने की मांग को लेकर डीसी दफ्तर के आगे किसानों ने पक्का जेल भरो मोर्चा शुरू किया है।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने किसान लहर के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित कए। इसके बाद 11 किसान नेताओं पर आधारित जत्थे को डीसी दफ्तर के आगे गिरफ्तारी देने के लिए पेश किया गया। तथा गांवों में ग्राम सभा की ओर से साथ ही किसानों की ओर से पास किए प्रस्ताव की कापियां भी डीसी संदीप हंस को सौंपी।
इस अवसर पर उक्त कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू, राणा रणबीर सिंह छठा, बचित्र सिंह व गुरदेव सिंह शाहवाला ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा निजीकरण की नीतियां लागू की जा रही हैं। इसके तहत देश में मंडी बनाने के नाम पर लागू किए तीन खेती अध्यादेश व बिजली संशोधन बिल 2020 किसानी कार्य को खत्म करने वाले हैं। ये राज्यों के अधिकारों को छीनने वाले हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब की आर्थिकता खेती आधारित होने कारण उक्त अध्यादेशों का सबसे अधिक प्रभाव पंजाब के लोगों पर पड़ेगा।
उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उक्त अध्यादेश रद किया जाए या किसान जत्थों को जेलों में बंद किया जाए। किसान नेताओं ने मांग की है कि मजदूरों का सारा कर्जा माफ किया जाए। डॉ. स्वामीनाथन कमिशन की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव लागत खर्चो में दिए जाएं। कोविड-19 की आड़ में गांवों में जबरी टेस्ट करने बंद किए जाएं। किसानों पर दर्ज पुलिस केस रद किए जाएं। घरेलू बिजली दर 1 रुपए यूनिट की जाए व बकाया बिल माफ किया जाए।
इस मौके पर गुरमेल सिंह लोहगढ़, प्रगट सिंह मस्तेवाला, जसवीर सिंह तलवंडी नौ बहार आदि उपस्थित थे।