शिक्षा सचिव का अध्यापकों के प्रति रवैया सही नहीं : डीटीएफ
। पंजाब सरकार की ओर से कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते लोगों की सेहत के मद्देनजर रोजाना नई हिदायतें जारी की जा रही हैं।
संवाद सहयोगी,मोगा
पंजाब सरकार की ओर से कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते लोगों की सेहत के मद्देनजर रोजाना नई हिदायतें जारी की जा रही हैं।
डीटीएफ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजयपाल शर्मा, जिला इकाई मोगा के अध्यक्ष अमनदीप मटवानी व जिला सचिव जगवीरन कौर ने कहा कि पंजाब सरकार ने सरकारी दफ्तरों, संस्थानों, स्कूलों में सिर्फ 50 प्रतिशत स्टाफ के हाजिर रहने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने पंजाब सरकार के आदेशों की अनदेखी करके आदेश जारी किए हैं कि जिन स्कूलों में कर्मचारियों की संख्या 10 या उससे कम हैं, वहां ये आदेश लागू नहीं होंगे। नेताओं ने कहा कि पंजाब के 90 प्रतिशत प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में स्टाफ सदस्यों की गिनती 10 से कम है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सचिव पंजाब सरकार के आदेशों की अनदेखी करते हुए पंजाब सरकार द्वारा कोरोना महामारी के संकट में संक्रमित सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले लाभ और क्वारंटाइन छुट्टियां देने से इन्कार किया हुआ है। महामारी के दौरान अध्यापकों पर दबाव डालकर दाखिला मुहिम चलाई जा रही है तथा अध्यापकों की जिदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है, जबकि 95 प्रतिशत से ऊपर दाखिले हो चुके हैं।
संगठन के जिला उपाध्यक्ष सुखपालजीत मोगा, वित्त सचिव गुरमीत व सहायक सचिव सुखविदर घोलियां ने मांग की सरकार आदेश जारी करके कोरोना से मरने वाले अध्यापकों व पीड़ित अध्यापकों के आंकड़े एकत्रित करें तथा उनकी सेहत की जिम्मेवारी उठाएं। अध्यापकों से कोरोना ड्यूटी करवानी बंद की जाए, मेडिकल स्टाफ भर्ती किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा विभाग व पंजाब सरकार ने उक्त मांगें न मानी तो संगठन अन्य यूनियनों के साथ संघर्ष करेगी। इस मौके पर जिला कमेटी सदस्य अमनदीप माछीके, मधु बाला, स्वर्णदास धर्मकोट, जगदेव मैहना, हरपिदर सिंह ढिल्लों, दीपक मित्तल, प्रेम सिंह, सुखमिंदर निहाल सिंह वाला आदि उपस्थित थे।