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ई-रिक्शा मजदूर संघ ने मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर को सौंपा ज्ञापन

। इंटक से संबंधित ई-रिक्शा मजदूर संघ के शिष्टमंडल ने अध्यक्ष जसवंत सिंह जस्सा की अध्यक्षता में ई-रिक्शा चालकों को पेश आ रही समस्याओं व मांगों को लेकर मेयर नितिका भल्ला व सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण शर्मा पीना को ज्ञापन सौंपा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 10:00 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 10:00 PM (IST)
ई-रिक्शा मजदूर संघ ने मेयर व सीनियर  डिप्टी मेयर को सौंपा ज्ञापन
ई-रिक्शा मजदूर संघ ने मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर को सौंपा ज्ञापन

संवाद सहयोगी,मोगा

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इंटक से संबंधित ई-रिक्शा मजदूर संघ के शिष्टमंडल ने अध्यक्ष जसवंत सिंह जस्सा की अध्यक्षता में ई-रिक्शा चालकों को पेश आ रही समस्याओं व मांगों को लेकर मेयर नितिका भल्ला व सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण शर्मा पीना को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जिला इंटक मोगा के अध्यक्ष एडवोकेट विजय धीर और दविदर सिंह जौड़ा भी मौजूद थे।

ई-रिक्शा चालकों की मांगों की जानकारी देते महासचिव मेजर सिंह लंडेके ने कहा कि शहर में चल रही 700 से ज्यादा ई-रिक्शा पर नगर निगम से नंबर प्लेट लगाने की मांग की गई है। इससे एक तो निगम को आमदनी होगी। वहीं ई-रिक्शा की गिनती तथा उनके चालकों की पहचान नगर निगम रिकार्ड में दर्ज रहेगी। उन्होंने हा कि थाना सिटी के नजदीक स्थित शहीद भगत सिंह मार्केट में बने शौचालय की हालत दयनीय होने के चलते इसकी रिपेयर करवाने तथा पानी की सप्लाई के लिए टुल्लू पंप चलाने के लिए बिजली का प्रबंध करने की मांग की गई है। इसके अलावा ई-रिक्शा स्टैंड पर रिक्शा स्टैंड बनाने की मांग भी की ताकि बारिश, धूप, गर्मी व सदी में चालक अपनी ई-रिक्शा इस शेड के नीचे खड़ी कर सकें। मेयर नितिका भल्ला व सीनियर डिप्टी मेयर प्रवीण शर्मा ने उक्त मांगें पहल के आधार पर पूरी करवाने का आश्वासन दिया। डीटीएफ ने पंजाब सरकार की बेरूखी सख्त शब्दों में की निदा डीटीएफ पंजाब ने आंदोलन कर रहे अध्यापकों की मांगों के लिए प्रति सरकार की बेरूखी की निदा की है।

डीटीएफ पंजाब के प्रदेश उपाध्यक्ष करनैल सिंह गुरदासपुर व प्रदेश सचिव सरवन सिंह ने कहा कि मोहाली में रोजगार की मांग कर रहे अध्यापकों को अब मौत को गले लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। शिक्षा प्रोवाइडर, एआइईईजीए, एसटीआर तथा ईआइई,आइएसटी वालंटियर लंबे समय से रेगुलर होने की मांग कर रहे हैं। पंजाब सरकार ने उक्त कच्चे अध्यापकों से स्थायी रोजगार का वादा भी किया था। लेकिन बार-बार बैठकों का समय देकर टालमटोल की नीति अपनाई गई। लंबे समय से आर्थिक व मानसिक तौर पर परेशान यह कच्चे अध्यापक अपने परिवारों का अच्छे ढंग से पालन पोषण नहीं कर पा रहे हैं। सरकार की बेरुखी से पीड़ित एक अध्यापिका गुरवीर कौर अबोहर ने सल्फास निगल ली।

डीटीएफ के वित्त सचिव जसविदर बठिडा व प्रदेश नेता बलवीर सिंह लोंगोदेवा ने कहा कि पंजाब सरकार कार्पोरेट की सरकार बनकर उभर रही है। उन्होंने कहा कि डीटीएफ कच्चे अध्यापकों के संघर्ष का समर्थन करती है।


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