श्री शिव मंदिर में की दुर्गा स्तुति और संकीर्तन
। श्री शिव मंदिर में शारदीय नवरात्र के उपलक्ष्य में भक्तों ने सामूहिक रूप में मां दुर्गा की स्तुति की।
संवाद सहयोगी,मोगा
श्री शिव मंदिर में शारदीय नवरात्र के उपलक्ष्य में भक्तों ने सामूहिक रूप में मां दुर्गा की स्तुति की। भारी संख्या महिलाओं ने इस धार्मिक आयोजन में भाग लिया।
पुजारी उदित नारायण झा ने कहा कि नवदुर्गा की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। वही कई जन्मों के पाप खत्म होते हैं। नवरात्रों में माता की पूजा करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। व्यक्ति जिस रूप में मां दुर्गा की पूजा करता है, उसी रूप में फल प्राप्त करता है। मां की भक्ति में वो शक्ति है जिससे व्यक्ति शक्तिमान बनता है। मां के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमें धैर्य और संतोष प्रदान करता है। महिला मंडल के संकीर्तन के दौरान गणेश वंदना, हनुमान चालीसा व माता की भेंटों का गुणगान किया। इस मौके पर शिमला रानी, सुशीला शर्मा, नेहा, शिला, अनिता, सरोज व मोहल्ला निवासी उपस्थित थे। माता चितपूर्णी मंदिर में किया मां का गुणगान प्राचीन माता चितपूर्णी मंदिर में माता की चौकी के दौरान संकीर्तन का आयोजन किया गया। पुजारी भुपिदर गौतम ने दरबार में ज्योति प्रचंड की। सभी ने पूजन कर सर्वभले की प्रार्थना की।
महिला मंडल की अंजू, सुमन, प्रोमिला शशि, राम मूर्ति, उमा, मीनू, संतोष, वीना, किरणदीप, सुषमा ने गणपति राखो मेरी लाज, तेरे नाम का रंग ऐसा चड़िया मां भक्तां ने तेरा पल्ला फड़िया मां., जपो चले आएंगे बिहारी. आदि भजनों से भक्तिरस बिखेरा। पंडित भूपिदर गौतम ने बताया कि नवदुर्गा की भक्ति व पूजा करने से मन को शांति मिलती है। माता की आराधना से वह प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा करती है। माता की भक्ति से रोग, शोक नष्ट होते हैं और मन शांत रहता है। मन की शांति से ही सुख प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि माता के अलग-अलग रूपों की कथाओं से हमें माता पिता की सेवा करने की प्रेरणा मिलती है। माता पिता की सेवा में ही सभी तीर्थो की यात्रा का फल है। मंदिर के प्रधान विजय सिगला, विकास विक्की, साहिल वर्मा आदि हाजिर थे।