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एनर्जी ड्रिक के बजाय बच्चे नींबू पानी और मिल्क शेक का सेवन करें: शीनम कालड़ा

चरित्र निर्माण शिविर में शहर की प्रमुख डायटीशियन शीनम कालड़ा ने जूम एप पर शिविर में भाग ले रही 12वीं कक्षा तक की छात्राओं को जीवन शैली बदलकर अपनी डाइट से स्वस्थ रहने के टिप्स दिए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 11:43 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 11:43 PM (IST)
एनर्जी ड्रिक के बजाय बच्चे नींबू पानी और मिल्क शेक का सेवन करें: शीनम कालड़ा
एनर्जी ड्रिक के बजाय बच्चे नींबू पानी और मिल्क शेक का सेवन करें: शीनम कालड़ा

नेहा शर्मा.मोगा

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देवीदास केवल कृष्ण चेरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में चल रहे चरित्र निर्माण शिविर में शहर की प्रमुख डायटीशियन शीनम कालड़ा ने जूम एप पर शिविर में भाग ले रही 12वीं कक्षा तक की छात्राओं को जीवन शैली बदलकर अपनी डाइट से स्वस्थ रहने के टिप्स दिए। उन्होंने बताया कि एनर्जी ड्रिक के बजाए नींबू पानी, मिल्क शेक, ड्राइफ्रूट, मौसमी खाना ज्यादा उपयोगी है। आजकल बच्चों में एनर्जी ड्रिक लेने की होड़ ज्यादा बढ़ी है, ये बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। पोषण की कमी हो सकती है खतरनाक

शीनम कालड़ा ने बच्चों के खान-पान, उनकी उनकी रोजाना की जीवनशैली के बारे में विस्तार से चर्चा की। उनका बताया कि आनलाइन क्लास की वजह से बच्चों की दिनचर्या बदल चुकी है। बच्चों का सोने-जागने, नहाने, खाने, का डेली रूटीन बिगड़ गया है। ऐसे में अक्सर उनका पोषण अधूरा रह जाता है। बच्चों में पोषण की कमी भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसी उम्र में शारीरिक और मानसिक विकास होता है, अगर बच्चों की डाइट में जरूरी पोषक तत्व नहीं होते हैं तो उसकी ग्रोथ पर सीधा असर पड़ सकता है। सही मात्रा में पोषण न मिलने पर बच्चे खुद को थका हुआ महसूस करते हैं।

उन्होंने बताया कि बच्चों की डाइट हमेशा पोषक तत्वों से भरपूर होनी चाहिए। बच्चों की डाइट में सारे विटामिन, मिनरल्स और दूसरे पौष्टिक तत्व होने चाहिए। बच्चे सुबह मार्निग वाक जरूर करें

उन्होंने पेरेंट्स को सलाह दी कि सुबह 15 मिनट पहले बच्चों को उठकर मार्निंग वाक करानी चाहिए। उसके बाद गर्म पानी पीना चाहिए और बाद में छाछ, मट्ठा, मिल्क शेक, नींबू पानी जूस आदि पीने को देना चाहिए। नाश्ते में सालिड चीज ही दें। सुबह बच्चे खाना पसंद नहीं करते तो उन्हें बनाना मिल्क शेक एक गिलास देना पर्याप्त है। लेकिन नाश्ता लेने वाले बच्चों को ब्राउन ब्रेड का ग्रिल, सैंडविच, परांठा, इडली, उपमा आदि दिया जा सकता है। साथ में बच्चों को एनर्जी ड्रिक के बजाय नींबू पानी, मिल्क शेक, ड्राइफ्रूट, मौसमी फल दें। जंक फूड से दूर रहने का लिया संकल्प

कैंप में इस महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए ट्रस्ट की संचालिका इंदु पुरी ने शीनम कालड़ा का धन्यवाद किया, साथ ही छात्राओं से संकल्प लिया कि इस कैंप से ये संकल्प लें कि जंक फूड के बजाय पौष्टिक भोजन करें, कोरोना काल में पौष्टिक भोजन से ही विजय हासिल की जा सकती है। जंक फूड बीमारियों का कारण बनते हैं। कैंप का शुभारंभ आचार्य सुनील कुमार शास्त्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन यज्ञ में आहुतियां दी गईं।


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