पाठशाला मंदिर में भक्तों ने किया श्री हनुमान चालीसा का पाठ
स्थानीय पाठशाला में बने प्राचीन हनुमान जी के मंदिर में भक्तों ने हनुमान जी का पूजन कर सिदूर का चोला चढ़ाया।
संवाद सहयोगी, मोगा
स्थानीय पाठशाला में बने प्राचीन हनुमान जी के मंदिर में भक्तों ने हनुमान जी का पूजन कर सिदूर का चोला चढ़ाया। पंडित अरुण,पंडित पवन गौतम की अगुवाई में समस्त श्रद्धालुओं ने पूजन किया।
भक्तों ने सामूहिक रूप में श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया। दुनिया रचने वाले को भगवान कहते है,संकट हरने वाले को हनुमान कहते है,कीर्तन करने लगे हनुमान जपे राम नाम कोई माला., जैसे भजनों का गुणगान करके भक्ति रस बिखेरा। पंडित अरुण शुक्ला ने कहा कि हनुमान जी कलयुग के ऐसे देव है जो अपने भक्तों के अंग संग रहते है तथा उनकी रक्षा करते है। उनपर आने वाले समस्त कष्टों का निवारण करते है। उनकी संकट से रक्षा करते है। उन्होंने बताया की इस दौड़ धुप भरे जीवन में हम अपने जीवन के अनमोल पल व्यर्थ गवा रहे है। इसलिए हमे अपने कारोबार के साथ साथ कुछ समय प्रभु के नाम का सिमरन, सत्संग अवश्य करना चाहिए। ताकि हमारा मानव जीवन सफल हो। उन्होंने बताया कि महामारी से बचाव हेतु चल रही कोरोना टीकाकरण मुहिम का हम सबको लाभ लेना चाहिए ताकि हम अपना तथा दूसरों का बचाव कर सके। उन्होंने बताया कि यह 100 वर्ष प्राचीन मंदिर है जिसमे हनुमान जी का अलग से मंदिर बना हुआ है। दूर दूर से भक्त दर्शन को आते है हनुमान जी को भोग लगाते है। बगलामुखी मंदिर में श्रद्धालुओं ने किया संकीर्तन गुरुनानक मोहल्ला स्थित बगलामुखी मंदिर में संकीर्तन का आयोजन किया गया। विकास शर्मा की अगुआई में सभी ने पूजा की और ज्योति प्रचंड की।
माता बगलामुखी की महत्ता बताते विकास शर्मा ने कहा कि बगलामुखी माता समस्त दुखों को दूर करती है। व्यक्ति को सद्बुद्धि प्रदान करती है, जिससे हमे सही मार्ग दिशा मिलती है। इसलिए हमें नित प्रतिदिन माता की पूजा-अर्चना करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम देवी की आराधना ब्रह्मा जी ने की। उन्होंने बगला साधना का उपदेश सनकादिक मुनियों को किया। उन्होंने बताया कि महाविद्या मां बगलामुखी की उपासना या साधना करने से मन में बसे बुरे विचार दूर होते है। इनकी पूजा रात्रि काल में करने से विशेष सिद्धि की प्राप्ति होती है। इनके भैरव महाकाल हैं। मां बगलामुखी का एक नाम पीताम्बरा भी है तभी इन्हें पीला रंग अति प्रिय है। इनके पूजन में पीले रंग की सामग्री व पीले वस्त्र का उपयोग सबसे ज्यादा होता है। इस दौरान गायक प्रेम नगीना ने तेरा नाम का लेके सहारा महिमा तेरी गाएं, लगिया है मेला दाती तेरे दर ते .आदि भजनों के माध्यम से भक्ति रस बिखेरा।