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निगम चुनाव अब फरवरी से पहले होने की संभावना नहीं

मोगा कोरोना काल में नगर निगम चुनाव की तैयारियों में जुटे नेताओं के लिए अछी खबर नहीं है। वार्डबंदी के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की अगली तिथि 15 दिसंबर डाल दी है। इससे साफ है कि नियमानुसार ऐसे में अब फरवरी तक निगम के चुनाव कराना संभव नहीं होगा। हालांकि हाईकोर्ट ने मोगा निगम के मामले में स्थगनादेश नहीं दिया है। ऐसे में निगम की सभी तैयारियां सरकार करती रहेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 10:50 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 10:50 PM (IST)
निगम चुनाव अब फरवरी से पहले होने की संभावना नहीं
निगम चुनाव अब फरवरी से पहले होने की संभावना नहीं

सत्येन ओझा, मोगा

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कोरोना काल में नगर निगम चुनाव की तैयारियों में जुटे नेताओं के लिए अच्छी खबर नहीं है। वार्डबंदी के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की अगली तिथि 15 दिसंबर डाल दी है। इससे साफ है कि नियमानुसार ऐसे में अब फरवरी तक निगम के चुनाव कराना संभव नहीं होगा। हालांकि हाईकोर्ट ने मोगा निगम के मामले में स्थगनादेश नहीं दिया है। ऐसे में निगम की सभी तैयारियां सरकार करती रहेगी। संभावना व्यक्त की जा रही है कि निगम के वार्डो में की गई दुरुस्ती की प्रक्रिया भी जारी रह सकती है। ऐसे में अब निगम के चुनाव फरवरी 2021 में होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले अक्टूबर में नगर निगम चुनाव की गतिविधियां शुरू होने के मद्देनजर जैसे ही निगम ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू की थी, तो वार्डबंदी के मामले को लेकर अकाली नेता एवं नगर कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष बरजिदर सिंह बराड़ मक्खन की ओर से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका दायर कर दी थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि सरकार निकाय चुनाव जीतने के लिए मनमाने ढंग से वार्डबंदी कर रही है।

याचिका दायर करने वाले अकाली नेता बरजिदर सिंह बराड़ मक्खन के वकील शिवकुमार शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सभी तथ्यों पर अदालत में लगभग डेढ़ घंटे तक बहस हुई। बहस के दौरान उन्होंने दलील दी कि मोगा निगम पांच साल पहले ही अस्तित्व में आया है, वार्डबंदी होने के बाद अभी तक न तो नए सिरे से जनगणना हुई है और न आबादी बढ़ी है, न क्षेत्रफल में अंतर आया है। ऐसे में फिलहाल नए सिरे से वार्डबंदी का कोई मतलब नहीं बनता है। बाद में अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 15 दिसंबर तय कर दी।

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क्या है संभावना

जानकारों का कहना है कि अदालत ने याचिका पर स्थगनादेश नहीं दिया है। ऐसे में नगर निगम व सरकार निगम चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाती रहेगी। दिसंबर तक चुनाव की पूरी प्रक्रिया व वार्डबंदी की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सरकार चुनाव आयोग को फरवरी में चुनाव कराने के लिए कह सकती है।


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