बजट से सड़कों की मरम्मत के लिए राशि मिलने की उम्मीद
मोगा में केंद्र सरकार की योजना के तहत 50 बैड के इंटीग्रेटेड आयुष अस्पताल की पिछले बजट में घोषणा की गई थी एक सप्ताह पहले ही आयुष अस्पताल की नींव रखी गई है जबकि केंद्र सरकार की योजना के ही तहत सांसद के आदर्श घोषित मोगा के गांव फतेहगढ़ कोरोटाना में सरकारी कॉलेज की घोषणा की गई थी जिसका निर्माण कार्य चल रहा है।
फोटो-70, 71, 72, 73
पिछले बजट में मोगा के लिए घोषित डिग्री कॉलेज को भूली सरकार, जागरण संवाददाता, मोगा :
मोगा में केंद्र सरकार की योजना के तहत 50 बैड के इंटीग्रेटेड आयुष अस्पताल की पिछले बजट में घोषणा की गई थी, एक सप्ताह पहले ही आयुष अस्पताल की नींव रखी गई है, जबकि केंद्र सरकार की योजना के ही तहत सांसद के आदर्श घोषित मोगा के गांव फतेहगढ़ कोरोटाना में सरकारी कॉलेज की घोषणा की गई थी, जिसका निर्माण कार्य चल रहा है।
पिछले साल पूर्व निकाय मंत्री फरवरी माह में मोगा के विकास के लिए सौ करोड़ रुपये देने की घोषणा करके गए थे, लेकिन आज तक उन 100 करोड़ की राशि के मिलने का सभी कोई सभी को इंतजार है।
इसके अलावा कांग्रेस विधायक डॉ.हरजोत कमल ने लुधियाना रोड स्थित इनडोर स्टेडियम के रेनोबेशन के लिए पांच करोड़ रुपये मंजूर होने का दावा किया था, लेकिन पांच करोड़ की राशि कहां हैं अभी तक नहीं मिली, जिसके कारण रेनोबेशन का काम शुरू नहीं हो सका है।
कांग्रेस विधायक डॉ.हरजोत कमल ने ही अर्बन डवलपमेंट फंड के तहत रीगल थियेटर को कम्युनिटी सेंटर में बदलने के लिए 3.40 करोड़ रुपये की राशि मंजूर होने की घोषणा की थी, ये घोषणा पूरे साल में चर्चा में रही, लेकिन अभी तक इस योजना पर कोई काम नहीं शुरू हो सकता है, इसके पीछे बताया जा रहा है कि राशि नहीं मिली। न मिली इंडस्ट्री को सस्ती बिजली, न युवाओं को स्मार्टफोन
द मोगा एग्रो इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष जेपीएस खन्ना का कहना है कि घर में बच्चे भी मजाक उड़ाते हैं कि सरकार ने इंडस्ट्रीज को पांच रुपये यूनिट बिजली देकर उन्हें लाखों रुपये का फायदा पहुंचाया है तो उसी में से स्मार्ट फोन दिलवा दो, जब घर में ही इस प्रकार का मजाक बन रहा, चिता की बात ये है कि छोटे बच्चों के मनों में सरकार में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को जो छवि बन रही है, वह बेहद चिताजनक है। स्मार्टफोन तो मिला नहीं, अब क्या उम्मीद रखें: गरिमा
बीकॉम की छात्रा गरिमा का कहना है कि उसने एक साल पहले स्मार्ट फोन के लिए ऑन लाइन आवेदन किया था, तब बड़ी उम्मीद थी, लेकिन उसी के साथी छात्राएं उसका मजाक बनाती हैं, वे चिड़ाने के लिए पूछती हैं मिल गया क्या मोबाइल फोन? इससे तो बेहतर था उनसे झूठे वादे न किए जाते।
बजट से नहीं कोई उम्मीद
प्लस-2 के विद्यार्थी रिषभ ने भी स्मार्ट फोन के लिए फॉर्म भरा था, लेकिन अभी तक नहीं मिला। रिषभ कहते हैं कि अब मिल भी जाय तो कोई फायदा नहीं, जो उम्मीद जगी थी, वह टूट चुकी है।
कॉलेज बंद होने से बीएड का भी नहीं फायदा शबनम
बीएड की छात्रा शबनम उप्पल का कहना है कि उन्होंने बीएससी मेडिकल करने के बाद बीएड इसलिए की थी कि बीएससी करने के बाद इंजीनियरिग करती थीं भी तो कैरियर की कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी, लेकिन अब तो जिस प्रकार से कॉलेज एक के बाद एक बंद हो रहे हैं। अब बीएड में भी निराशा का माहौल पैदा होने लगा है क्योंकि सरकार से कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।
रोजगार की हों संभावनाएं : अमन
प्लस-2 के विद्यार्थी अमन का कहना है कि वर्तमान में किसी भी स्तर पर रोजगार की संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं, उससे परिवार वाले एक ही बात सोचने लगे हैं कि चाहे घर बेचना पड़े, प्लस-2 करके विदेश चला जाऊं ताकि वहां कम से कम कुछ रोजगार को मिल सकेगा, यहां तो कुछ उम्मीद नहीं दिख रही, सिर्फ भाषणों में बता चलता है कि नौजवानों को रोजगार मिल रहा है।
सबसे बड़ी उम्मीद
मोगा शहर के लोगों को सबसे बड़ी उम्मीद है कि शहर में पीडब्ल्यूडी की 28 सड़कों की मरम्मत होने की है, शहर की प्रमुख सड़कों की मरम्मत सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने नहीं कराया है, जिससे शहर के मेन बाजार, अमृतसर रोड आदि सड़कें बेदम हो चुकी हैं, अगर सरकार कुछ बड़ा प्रोजेक्ट भले ही शहर को न दे, अगर सड़कों की मरम्मत ही करा दे तो लोगों के लिए बड़ी राहत की बात होगी।