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लाइब्रेरी की पुस्तकें फर्नीचर में दबीं, सरकारी इमारत में हो रही हैं निजी पार्टियां

शहर की सबसे पुरानी लाइब्रेरी नगर निगम की नई इमारत में शिफ्ट होने के बाद अब अपना अस्तित्व भी खोती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 10:38 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 10:38 PM (IST)
लाइब्रेरी की पुस्तकें फर्नीचर में दबीं, सरकारी इमारत  में हो रही हैं निजी पार्टियां
लाइब्रेरी की पुस्तकें फर्नीचर में दबीं, सरकारी इमारत में हो रही हैं निजी पार्टियां

जागरण संवाददाता.मोगा

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शहर की सबसे पुरानी लाइब्रेरी नगर निगम की नई इमारत में शिफ्ट होने के बाद अब अपना अस्तित्व भी खोती जा रही है। निगम की अंग्रेजों के जमाने की धरोहर इस इमारत से लाइब्रेरी कश्मीरी पार्क में बनाई नई बिल्डिंग में तीन साल पहले शिफ्ट की गई थी, लेकिन शिफ्टिंग के बाद अभी तक पुस्तकें लाइब्रेरी की अलमारी से बाहर नहीं निकल सकीं। अब तो लाइब्रेरी की इमारत पर भी कुछ निजी लोगों ने कब्जा कर लिया है। सुबह वहां योग कक्षा लगती है और शाम को निजी पार्टियां होती हैं।

गौरतलब है कि नगर निगम में शहर की एक मात्र पब्लिक लाइब्रेरी पिछले करीब 30 साल से निगम की हेरिटेज बिल्डिंग में चल रही थी। निगम का कामकाज आनलाइन करने के बाद तीन साल पहले लाइब्रेरी कश्मीरी पार्क में बनाई गई नई इमारत में शिफ्ट कर दी गई। ये फैसला लाइब्रेरी में आने वाले पाठकों की कम होती संख्या के कारण किया गया था। करीब 15 साल पहले तक यहां समाचारपत्र पढ़ने के लिए बुजुर्ग अक्सर दिन के समय आते थे।

सूत्रों का कहना है कि करीब 26 हजार से ज्यादा पुस्तकों वाली इस लाइब्रेरी को जब कश्मीरी पार्क में बनी नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया तो करीब एक साल से ज्यादा समय तक पुस्तकें इमारत में ढेर बनकर पड़ी रहीं। बाद में जब लाइब्रेरी की कमान निगम के मुलाजिम अमितपाल सिंह के हाथों में आई तो उन्होंने पुस्तकें श्रेणीबद्ध तरीके से अलमारियों में लगवाकर उसका रिकार्ड बनाना शुरू किया, कुछ समय बाद ही उनका तबादला दूसरी सीट पर होने के बाद अब लाइब्रेरी ही नहीं, सरकारी इमारत भी निजी हाथों में पहुंच चुकी है।

सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में लाइब्रेरी का जिम्मा जिस मुलाजिम को दिया गया है, उसने लाइब्रेरी की इमारत की चाबी बिना अनुमति के एक योग संचालक को दे दी है। लाइब्रेरी की कुर्सियां व टेबल समेटकर एक तरफ रख दी गई हैं। बिल्डिंग पर लिखा लाइब्रेरी है, लेकिन पूरी इमारत निजी गतिविधियों का केन्द्र बन गई हैं। वहां पर पार्टियां भी चलती हैं। दैनिक जागरण की टीम जब इस बिल्डिंग में पहुंची तो वहां गुब्बारों से लिखा हैप्पी वर्ड साफ बता रहा था कि वहां लाइब्रेरी की किताबें तो अलमारियों में फर्नीचर के बीच दबा दी गई हैं। वहीं, इमारत में बर्थडे व कुछ निजी पार्टियां हो रही हैं।

इमारत का दुरुपयोग करने वाले पर कार्रवाई होगी : निगम कमिश्नर

निगम कमिश्नर अनीता दर्शी ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। लाइब्रेरी की इमारत किसी भी निजी व्यक्ति या संस्था को नहीं दी गई है, वह इसकी चेकिग कराएंगी। अगर कोई व्यक्ति इमारत का दुरुपयोग कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।


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