श्री राम शरणम आश्रम में मनाया सत्यानंद जी महाराज का जन्मदिवस
मोगा श्री राम शरणम् आश्रम में स्वामी सत्यानंद जी महाराज का जन्मदिवस सादगी के साथ मनाया गया। इस दौरान आश्रम के मुख्य सेवादार भाई और बहन शामिल हुए।
संवाद सहयोगी, मोगा
श्री राम शरणम् आश्रम में स्वामी सत्यानंद जी महाराज का जन्मदिवस सादगी के साथ मनाया गया। इस दौरान आश्रम के मुख्य सेवादार भाई और बहन शामिल हुए।
गुरु महाराज के चरणों में प्रार्थना करते हुए प्रदीप बजाज ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं, जो गुरु महाराज के चरणों में स्थान मिला। गुरु महाराज ने अपना पूरा जीवन दीन दुखियों की सेवा व उनके उद्धार में लगा दिया। गुरु महाराज के जन्मदिवस पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि जिस पतित पावन राम नाम का सहारा लिया है, अंतिम श्वास तक पावन नाम की कमाई करते रहना है। गुरु चरणों के साथ सच्चे मन के साथ जुड़े रहना है।
उन्होंने कहा कि गुरु महाराज का आदेश था कि निष्काम सेवा का कोई भी अवसर हाथ से जाने नहीं देना चाहिए। जिस प्रकार से कोरोना का भय चारों ओर व्याप्त है, ऐसे में हमें सचेत और सजग रह कर खुद की रक्षा करनी है और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना है। जो भी बन पड़े समाज और शहर के लिए सेवा कार्य अवश्य करना है। प्रशासन के अगले आदेश आने तक आश्रम पूरी तरह से बंद रहेगा। तब तक अपने घर पर रहकर ही परमेश्वर के नाम का सिमरन करना है।
इस अवसर पर रमेश लाल, रामपाल गुप्ता, विजय चावला, कुलभूषण सूद, सियाराम, अशोक बावा, राजेंद्र सचदेवा, नरेश बजाज आदि उपस्थित थे।
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'भगवान सत्य नारायण कथा करने से होती है मनोकामना पूर्ण'
संवाद सहयोगी, मोगा
पूर्णिमा तथा हनुमान जंयती के अवसर पर ब्रह्माचारी श्री योगीराज जी की कुटिया में कथा व कीर्तन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राम चंद्र शर्मा ने भगवान सत्य नारायण की कथा सुनाई तथा प्रेम लता ने भजन सुना कर प्रभु का गुणगान किया।
राम चंद्र शर्मा ने कहा कि भगवान सत्य नारायण की कथा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। वीर हनुमान तो प्रभु की हर कथा में विराजमान रहते हैं और अपने भक्तों की हर मुसीबत से रक्षा करते हैं।
इस अवसर पर सीनियर एडवोकेट बोध राज मजीठिया ने सभी को हनुमान जंयती की बधाई देते हुए भगवान से सभी के लिए मंगल कामना की। इस दौरान आरती के बाद प्रसाद बांटा गया। इस अवसर पर लखविदर कौशिक, शालू, सुधा देवी, सरोज रानी, अमरेश्वर दास, सविता रानी, अनुपूनम तथा मधुबाला शर्मा आदि उपस्थित थे।