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हनी ट्रैप में फंसाकर लोगों को लूटने के लिए एएसआइ ने तैयार कर रखी थी नकली पुलिस

। स्पेशल टास्क फोर्स (एसआइटी) के इंचार्ज रहे बलजीत सिंह ने अपनी महिला मित्र के साथ हनी ट्रैप में लोगों को फंसाकर उन्हें लूटने और नशा तस्करी के लिए नकली पुलिस टीम बना रखी थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 06:10 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 06:10 PM (IST)
हनी ट्रैप में फंसाकर लोगों को लूटने के लिए एएसआइ ने तैयार कर रखी थी नकली पुलिस

सत्येन ओझा.मोगा

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स्पेशल टास्क फोर्स (एसआइटी) के इंचार्ज रहे बलजीत सिंह ने अपनी महिला मित्र के साथ हनी ट्रैप में लोगों को फंसाकर उन्हें लूटने और नशा तस्करी के लिए नकली पुलिस टीम बना रखी थी। एक निजी व्यक्ति को पुलिस की वर्दी व सर्विस रिवाल्वर देकर उसे रेड करने भेजा जाता था। पुलिस अधिकारी पहले तो खाकी को दागदार करने वाले अपने एएसआइ को पांच महीने बचाते रहे, लेकिन उसके गोरखधंधे का पूरा कच्चा चिट्ठा जब हाई कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट का नोटिस मिलते ही पुलिस ने आनन-फानन में एएसआइ व उसकी महिला मित्र सहित तीन को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, पुलिस की वर्दी में जिसे नकली एएसआइ बनाकर सर्विस रिवाल्वर के साथ भेजा जाता था, वह पुलिस की पकड़ से बाहर है। प्रेमी जोड़ा बंटी-बबली की तर्ज पर एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम दे रहा था। तीनों आरोपितों को अदालत में पेश कर उन्हें चार जनवरी तक पुलिस रिमांड पर हासिल किया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में एक के बाद कारनामों के कच्चे चिट्ठे खुलते नजर आने लगे हैं। प्रेमिका से डान बनने का मामला

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एएसआइ के साथ गिरफ्तार उसकी महिला मित्र कर्मवीर कौर ने साल 2011 में ट्रांसपोर्टर बलतेज सिंह की कंपनी में नौकरी शुरू की थी। इसी दौरान कर्मवीर की आंखें ट्रांसपोर्टर के साथ लड़ गई। 27 जनवरी 2017 को उसने प्रेमी ट्रांसपोर्टर के साथ शादी कर ली। चार महीने बाद ही कर्मवीर कौर ने ससुराल में झगड़ा शुरू कर दिया, तब बलतेज सिंह ने जोगिदर सिंह चौक के निकट साढ़े 34 लाख रुपये का मकान उसी के नाम पर खरीदकर दे दिया। बाद में अपना घर छोड़कर बलतेज सिंह उसी के साथ रहने लगा। साल 2016 में उसने एक बच्चे को जन्म दिया। पांच महीने बाद लाइट ट्रक यूनियन के एक पदाधिकारी के कहने पर कर्मवीर कौर ने अपने पति को जालसाजी के मामले में फंसा दिया। एएसआइ बलजीत सिंह के साथ कर्मवीर की दोस्ती इससे पहले ही हो गई थी। पति को केस में फंसाने में एएसआइ ने अपनी महिला मित्र की मदद की थी। 45 दिन बाद किसी तरह ट्रांसपोर्टर को जमानत मिली थी।

पति को जमानत मिलने के बाद 22 जनवरी 2017 को कर्मवीर फिर से अपनी सास के पास रहने पहुंच गई। 23 जनवरी को उसने दूसरी मंजिल से बच्चे को लेकर छलांग लगा दी। जांच में पता चला है कि दोबारा पति को फंसाने के लिए उसने यह कदम उठाया लेकिन गंभीर रूप से घायल हो गई। कई महीने वह डीएमसी में उपचाराधीन रही।

बाद में साढ़े साल तक दोनों अलग रहे। इस बीच साल 2019 में कर्मवीर कौर के एएसआइ बलजीत सिंह के साथ करीबी संबंध बन गए थे। इस दौरान दोनों ने नकली पुलिस टीम बनाकर लोगों को लूटने का धंधा शुरू कर दिया। जांच में पता चला है कि कर्मवीर कौर ने अपने गैंग में कुछ लड़कियों को मिला लिया था। कुछ अमीर युवक जो विदेश जाने के इच्छुक होते थे, उनके पास लड़कियां भेजी जाती थीं। उन्हें बताया जाता था कि लड़कियां दूसरे देशों से बुलाई गई हैं। लड़कियां योजनाबद्ध ढंग से जब लड़के के साथ करीब होने की कोशिश करतीं तभी एएसआइ बलजीत अपनी नकली पुलिस टीम के साथ छापा मार देता था। ऐसे चार लोगों के नाम पुलिस को जांच में पता चले हैं जिन्हें हनी ट्रैप में फंसाकर उनसे तीन से साढ़े तीन लाख रुपये पुलिस केस में न फंसने के नाम पर लूटे गए।

30 मई 2020 को पति ने रंगे हाथ पकड़ा था

30 मई 2020 को बलतेज सिंह ने कुछ लोगों व स्वजनों की मदद से कर्मवीर कौर और एएसआइ बलजीत सिंह को नानकनगरी में संधू की कोठी में रंगरलियां मनाते रंगहाथ पकड़ा था। पहले तो दोनों हाथापाई करने लगे, बाद में आसपास के लोग एकत्र होने लगे तो एएसआइ व उसकी महिला मित्र वहां से भाग खड़े हुए। भागते समय दोनों के मोबाइल छूट गए। इनमें मिले सबूतों को पहले तो बलतेज सिंह ने पुलिस को सौंप दिया, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो 10 जून को बलजेत सिंह ने हाई कोर्ट में सारे सबूत पेश कर इंसाफ की गुहार लगाई। कोर्ट का नोटिस मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई।

मामले की जांच कर रहे डीएसपी इन्वेस्टीगेशन जंगजीत सिंह रंधावा ने बताया केस की हर एंगल से जांच होगी। जो भी दोषी पाया गया, उस पर कार्रवाई की जाएगी। एएसआइ बलजीत सिंह अपने निजी मुलाजिम गुरमीत सिंह उर्फ गग्गू निवासी गिहड़वाहा को पुलिस की वर्दी व सर्विस रिवाल्वर देकर रेड करने भेजता था। गुरमीत सिंह अभी गिरफ्तार नहीं हो सका है।


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