अमरनाथ यात्रा न होने से भक्तों में मायूसी
मोगा चारों तरफ शंखनाद बम बम भोले भोले तेरा रूप निराला अमरनाथ में डेरा डाला के गूंजते स्वर ढोल नगाड़े की थाप पर नाचते शिव भक्तों की टोलियां। यही है बाबा अमर नाथ की यात्रा। जिसका वर्ष भर शिव भक्तों को इंतजार रहता है और यह यात्रा रक्षा बंधन तक जारी रहती है। मगर इस बार शिव भक्तों को घर बैठकर ही शिव की आराधना करनी होगी क्योकि अमरनाथ यात्रा को भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। इस बार अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है।
तरलोक नरूला, मोगा
चारों तरफ शंखनाद, बम बम भोले, भोले तेरा रूप निराला, अमरनाथ में डेरा डाला के गूंजते स्वर, ढोल नगाड़े की थाप पर नाचते शिव भक्तों की टोलियां। यही है बाबा अमर नाथ की यात्रा। जिसका वर्ष भर शिव भक्तों को इंतजार रहता है और यह यात्रा रक्षा बंधन तक जारी रहती है। मगर, इस बार शिव भक्तों को घर बैठकर ही शिव की आराधना करनी होगी, क्योकि अमरनाथ यात्रा को भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। इस बार अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने अमरनाथ यात्रा को रद करने का एलान कर दिया है।
बता दें कि भक्तों के लिए बाबा अमरनाथ की यात्रा बड़ा महत्व रखती है। यही कारण है कि हर वर्ष लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना हेतु सावन के महीने में बाबा बर्फानी के दर्शन करने जाते थे। मगर, इस बार ऐसा अवसर भक्तों को नहीं मिलने से उनमें मायूसी है। अब भक्तों को अगले वर्ष तक भोले की पवित्र गुफा के दर्शनों का इंतजार करना पड़ेगा। शिव भक्तों का कहना है कि ऐसा उनके जीवन में पहली बार होगा।
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महामारी ने रोके कदम
सुरिदर गोरा ने कहा कि ने कहा कि वह पिछले 28 वर्षो से अमरनाथ की यात्रा कर रहे हैं। मगर, इस बार कोरोना महामारी के कारण जा पाना संभव नहीं है। श्राइन बोर्ड ने बाबा अमरनाथ की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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घर पर ही शिव पूजन
बिट्टू कालड़ा जो पिछले 21 वर्षो से बाबा भोलेनाथ के दर्शनों को जा रहे हैं, इस बार मायूस हैं। उनका कहना है कि रात को नींद नहीं आती और मन अमरनाथ यात्रा के लिए दौड़ता है। मगर, कोरोना के कहर के कारण वे मजबूर हैं। इस बार वे घर में ही शिव पूजा कर रहे हैं। करनी है।
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भोलेनाथ करें महामारी खत्म
प्रिस अरोड़ा ने कहा कि वर्ष 2000 में उन्होंने पहली बार बाबा अमरनाथ की यात्रा की, तब से यह क्रम लगातार जारी है। तूफान भी उन्हें भोले बाबा के दर्शन करने से नहीं रोक पाया। मगर, महामारी ने उन्हें बेबस कर दिया है। भोलेनाथ से प्रार्थना है कि इस महामारी को जल्द खत्म करे, ताकि हम अगले वर्ष फिर दर्शन को जा सकें।
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अधूरापन लग रहा
मंगत राम नोनी ने कहा कि वह पहली बार 2000 में यात्रा को गए थे, जो निरंतर जारी है। बाबा अमरनाथ की यात्रा व दर्शन करके एक अलग ही नूर मिलता है। मगर, इस बार कोरोना महामारी के चलते जाना संभव नहीं है। ऐसा लग रहा है कि हमारे अंदर कोई चीज अधूरी है।
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मन बैचेन है
सोनू शर्मा ने बताया कि वर्ष 2003 में उन्होंने भोले की कृपा से यात्रा आरंभ की थी। इस बार भी जाने का मन था। मगर, एकाएक श्राइन बोर्ड द्वारा लगाई पाबंदी के कारण अब नहीं जा सकते। ऐसे में उनका मन बेचैन है। भोलेनाथ से प्रार्थना है कि जल्द इस महामारी से निजात दिलवाए।