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शिअद ने गेहूं खरीद की लचर प्रक्रिया पर जताया आक्रोश

मोगा शिअद ने मंडियों में बारदाने की कमी के बारे में राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार करण गुप्ता को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि बारदाने की कमी को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि मंडियों में खरीद प्रक्रिया सही ढंग से चल सके और किसानों को परेशान न होना पड़े। इसमें कहा गया है कि पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु गेहूं खरीद में पूरी तरह से फ्लाप साबित हुए हैं उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किया जाए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 11:27 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 11:27 PM (IST)
शिअद ने गेहूं खरीद की लचर प्रक्रिया पर जताया आक्रोश
शिअद ने गेहूं खरीद की लचर प्रक्रिया पर जताया आक्रोश

संवाद सहयोगी, मोगा

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शिअद ने मंडियों में बारदाने की कमी के बारे में राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार करण गुप्ता को सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि बारदाने की कमी को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि मंडियों में खरीद प्रक्रिया सही ढंग से चल सके और किसानों को परेशान न होना पड़े। इसमें कहा गया है कि पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु गेहूं खरीद में पूरी तरह से फ्लाप साबित हुए हैं, उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किया जाए।

इसमें यह भी कहा गया है कि गेहूं की खरीद को लेकर इन दिनों किसानों को मंडियों में परेशान होना पड़ रहा है। बारदाने की कमी के कारण खरीद सही तरीके से नहीं हो पा रही है। किसानों को मंडियों में कई-कई दिन बैठना पड़ रहा है। जो गेहूं खरीदा जा चुका है, उसकी लिफ्टिंग भी नहीं हो पा रही है। इसके कारण मंडियों में बड़ी मात्रा में गेहूं की बोरियों के ढेर लगे हुए हैं। कई मंडियों में गेहूं की फसल रखने के लिए भी जगह नहीं बची है। किसानों को मजबूर होकर अपनी ट्रालियों व घरों में गेहूं रखने को मजबूर होना पड़ रहा है। पंजाब सरकार द्वारा शुरू किया गया खरीद पोर्टल लगातार कई कई दिन तक बंद पड़ा रहता है। जिससे किसानों को बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस समय अनाज मंडियों की स्थिति बहुत ही नाजुक बनी हुई है।

ज्ञापन देने वालों का नेतृत्व कर रहे शिअद के जिलाध्यक्ष तीरथ सिंह माहला का कहना है कि बारदाने की कीमतें भी आसमान छू रहीं हैं। आढ़तियों के बारदाने का पुराना बकाया 131 करोड़ का भी भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में आढ़ती अपना पुराना बारदाना सरकार को देने से कदम पीछे खींच रहे हैं। ऐसे में बारदाने की कमी को पूरा कराया जाए, ताकि खरीद प्रक्रिया तेजी से बढ़े और लिफ्टिंग के काम में सुधार किया जाए। इसके अतिरिक्त 24 घंटे में किसान की फसल की कीमत अदा की जाए।


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