बेबस अधिकारियों से समझौता बेमानी : डॉ. हरजोत
मोगा मेन बाजार के दुकानदारों के प्रकरण को लेकर वीरवार को कांग्रेस ने दुकानदारों के साथ मिलकर धरना दिया। इस दौरान धरने में कांग्रेस के स्थानीय विधायक डॉ. हरजोत कमल ने अकाली-भाजपा नेताओं पर हमला बोला।
जागरण संवाददाता, मोगा
मेन बाजार के दुकानदारों के प्रकरण को लेकर वीरवार को कांग्रेस ने दुकानदारों के साथ मिलकर धरना दिया। इस दौरान धरने में कांग्रेस के स्थानीय विधायक डॉ. हरजोत कमल ने अकाली-भाजपा नेताओं पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बेबस अधिकारियों के साथ दुकानदारों का समझौता कराना होता, तो वह पहले ही दिन करा सकते थे। घटना वाले दिन डीएसपी सिटी बरजिदर सिंह भुल्लर ने यह कहते हुए अपनी बेबसी जाहिर की थी कि एसएसपी उन्हें एक एक व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दे चुके हैं। इन अधिकारियों से समझौता कराकर क्या मिलना है, कल फिर एसएसपी कोई ऐसा ही निर्देश दे दें, तो समझौता कराने वाले अधिकारी तो फिर बेबसी दिखा देंगे।
डॉ. हरजोत कमल ने कहा कि अगर अकाली-भाजपा नेता दुकानदारों के सच्चे हिमायती थे, तो उस समय उनके साथ आते जब मुसीबत पड़ी थी। इतिहास में पहला मौका है जब सत्ताधारी पार्टी का विधायक सत्ता में होकर भी दुकानदारों के हित के लिए उनके साथ अधिकारियों से लड़ाई लड़ रहा है। उनका किसी के साथ कोई निजी झगड़ा नहीं है।
बता दें कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं व विभिन्न मार्केट संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर पुलिस मुलाजिमों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरना देकर दिया हे। विधायक डॉ. हरजोत कमल ने दुकानदारों को भरोसा दिया कि शनिवार तक दुकानदार उन्हें चालान की पर्ची दे दें। अगर पुलिस व प्रशासन चालान की राशि वापस करती है तो ठीक है अन्यथा दुकानदार उनके ऑफिस से आकर चालान की राशि ले सकते हैं।
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यह है मामला
गौरतलब है कि 20 जुलाई की शाम को पौने आठ बजे से लेकर आठ बजे के बीच बारिश के दौरान थाना साउथ सिटी व सिटी-1 की पुलिस ने दुकानदारों के साथ मारपीट की और 53 दुकानदारों का दो-दो हजार रुपये का चालान कर दिया था।
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जब समझौता हो गया, तो धरना क्यों : विनय शर्मा
इस मामले में जिला भाजपा अध्यक्ष विनय शर्मा का कहना है कि जब पुलिस अधिकारियों के साथ दुकानदारों का समझौता एक दिन पहले ही हो गया था, तो वीरवार को धरने का क्या मतलब था। क्या विधायक की किसी अधिकारी से निजी रंजिश है ये सार्वजनिक किया जाए। दुकानदार तो कल ही मान-सम्मान बहाल होने के बाद खुश थे। उन्होंने कहा कि विधायक की अगर मुख्यमंत्री नहीं सुन रहे हैं या अधिकारी नहीं सुन रहे हैं, तो उन्हें विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए, जब उनकी कोई सुन ही नहीं रहा है तो ऐसे विधायक रहने से क्या करना है।
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शारीरिक दूरी की उड़ी धज्जियां
धरने के दौरान प्रताप रोड तिराहे पर गोले बनाए गए थे। मगर, धरने के दौरान किसी ने भी नियमों का पालन नहीं किया। इस दौरान शारीरिक दूरी बनाए रखने की धज्जियां उड़ीं। वहीं धरने की अनुमति भी नहीं ली गई।