मछली बाजार के बाद अब शास्त्री मार्केट के पार्किंग विवाद ने पकड़ा तूल
मोगा मछली बाजार के बाद अब शहर की प्रमुख कॉमर्शियल मार्केट शास्त्री मार्केट में पार्किंग को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता, मोगा
मछली बाजार के बाद अब शहर की प्रमुख कॉमर्शियल मार्केट शास्त्री मार्केट में पार्किंग को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। इस मार्केट में ज्यादातर बैंक, इंश्योरेंस कंपनियों के ऑफिस व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के दफ्तर हैं। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने अब मार्केट के बाहर फर्श पर इंटरलॉकिग टाइल्स बिछवाने के साथ ही यहां दफ्तरों में काम करने वाले मुलाजिमों पर भी पार्किंग फीस शुरू कर दी है। इसके खिलाफ बैंकों व इंश्योरेंस कंपनी के मुलाजिमों ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर ट्रस्ट की इस कार्रवाई का विरोध किया है।
गौरतलब है कि हाईवे पर ज्यूडीशियल कांप्लेक्स के निकट इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने शास्त्री मार्केट लगभग 15 साल पहले स्थापित की थी। हालांकि मार्केट इन सालों में भी पूरी तरह विकसित नहीं हो सकी है, जबकि यहां सबसे ज्यादा बैंक, इंश्योरेंस कंपनियां व आइटी प्रोफेशनल्स के कार्यालय हैं। हाल ही में नगर निगम के बाहर पार्किंग स्पेस में इंटरलॉकिग टाइलें बिछवाने के साथ ही वहां फैंसी लाइटें भी लगवाई हैं। पार्किंग स्थल का सुंदरीकरण करने के साथ ही ट्रस्ट ने यहां का पार्किंग ठेका दो लाख तीन हजार रुपये सालाना पर उठा दिया है। पार्किंग फीस यहां काम करने वाले दफ्तर के मुलाजिमों पर भी लगा दी है। इस बात को लेकर बैंकों व इश्योरेंस कंपनियों के मुलाजिमों में आक्रोश है। उन्होंने इसके विरोध में ट्रस्ट के ऑफिस के बाहर नारेबाजी भी की।
इस दौरान दविदर सिंह, जगदीप सिंह, राहुल कुमार, गगन कुमार, गगनदीप सिंह ने कहा है कि देश में कोई दूसरा उदाहरण नहीं है, जहां किसी भी दफ्तर में काम करने वाले लोगों को पार्किंग की सुविधा नि:शुल्क न हो। यहां तक कि चंडीगढ़ जैसे नियोजित शहर में भी ऑफिस में काम करने वाले मुलाजिमों के लिए पार्किंग फीस नहीं है। फिर मोगा में अकेले इंप्रूवमेंट ट्रस्ट यह कैसे अलग नियम बना सकता है। ये पूरी तरह अन्याय है, ट्रस्ट की इस कार्रवाई के खिलाफ यहां काम करने वाले मुलाजिम आंदोलन करेंगे।
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कोट्स
दफ्तरों में काम करने वाले मुलाजिमों को पार्किंग फीस में 80 प्रतिशत रियायत दी गई है। उन्हें सिर्फ 20 प्रतिशत पार्किंग फीस ही देनी पड़ेगी। पार्किंग की मेंटीनेंस व सुंदरीकरण के लिए फीस सभी पर लगाना जरूरी है, तभी यह काम हो सकेगा।
-विनोद बंसल, चेयरमैन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट।