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हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से मागा शपथ पत्र

फ्लैग पूर्व काग्रेस विधायक की करोड़ों की कोठी सॉफ्टवेयर में खामियों के चलते हड़पने का मामला -आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान खामिया आईं सामने -मुख्य सचिव को निर्देश सॉफ्टवेयर में बदलाव कर विक्रेता व खरीददार का स्पष्ट विवरण हो

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Nov 2019 10:17 PM (IST)Updated: Sun, 24 Nov 2019 10:17 PM (IST)
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से मागा शपथ पत्र
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से मागा शपथ पत्र

दविंदर पाल सिंह, मोगा : मोगा में एक पूर्व काग्रेस विधायक की करोड़ों रुपये की कोठी हड़पने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को नौ दिसंबर को शपथ पत्र देने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने जमीनों की रजिस्ट्री के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर व फोटोग्राफी के लिए घटिया स्तर के कैमरों पर सवाल उठाया है। रजिस्ट्री के समय फोटोग्राफी सही न होने व खरीददार व बेचने वाले के नाम स्पष्ट रूप से न लिखे होने के कारण धोखाधड़ी का अंदेशा बना रहा है, इसमें सुधार के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इस मामले में धोखाधड़ी में फंसे गवाह की जमानत याचिका डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस के हलफनामे के बाद रद कर दी है।

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थाना सिटी में कुछ समय पहले धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। आरोप था कि एक भू-माफिया ने मरहूम पूर्व काग्रेस विधायक मास्टर सोहन सिंह की करोड़ों रुपये मूल्य की कोठी हड़प ली थी। एफआइआर में नामजद एक आरोपित की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जमीनों के रजिस्ट्रेशन के समय राजस्व विभाग के प्रयोग किए जा रहे सॉफ्टवेयर की खामियों पर सवाल उठाया था। इस मामले में सुनवाई के दौरान आठ नवंबर को हाईकोर्ट में डीसी संदीप हंस की ओर से हाईकोर्ट के जस्टिस अनमोल रतन सिंह की अदालत में हलफनामा दायर किया गया था, जिसके आधार पर धोखाधड़ी में नामजद आरोपित मनजीत सिंह उर्फ पिंका निवासी बेदी नगर मोगा की अग्रिम जमानत याचिका रद कर सुनवाई की अगली तिथि नौ दिसंबर तय की है। डीसी की ओर से दिए हलफनामे में स्पष्ट किया गया था कि रजिस्ट्री में गवाही मनदीप सिंह ने नहीं दूसरे नाम से दी थी।

अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को जमीन के रजिस्ट्रेशन के समय स्पष्ट फोटोग्राफी के लिए उच्च स्तरीय कैमरे सब रजिस्ट्रार दफ्तर में लगाने, खरीदने व बेचने वालों के साथ ही फोटो में गवाहों का अलग-अलग विवरण दर्ज करने के लिए 'कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में आवश्यक तब्दीली करने के निर्देश देते हुए इस संबंध में हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए हैं। अभी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में होने वाली फोटोग्राफी स्पष्ट नहीं होती है। फोटो में शामिल सभी खरीददार, बेचने वाले व गवाहों का पूरा विवरण नहीं होता है। डीसी के हलफनामे में कहा गया था कि सॉफ्टवेयर पंजाब सरकार ने तैयार कराया है। सब रजिस्ट्रार ऑफिस में उसी का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे हुई धोखाधड़ी

मरहूम पूर्व काग्रेस विधायक मास्टर सोहन सिंह की मौत बाद उसकी सात बेटियों में से दो की मौत हो चुकी है। कुछ विदेश में रह रही हैं। पूर्व विधायक के निधन के बाद उनकी कोठी का विरासत इंतकाल उनकी बेटियों और चंडीगढ़ में वकालत कर रहे उनके दोहते विक्रमजीत सिंह व विश्वजीत सिंह ऋ षि के नाम हो गया था। एक भू-माफिया ने इन दोनों वकीलों सहित सभी वारिसों के जाली आधार कार्ड तैयार करके तहसीलदार के सामने फर्जी व्यक्ति पेश कर दो अगस्त 2017 को कोठी की रजिस्ट्री करा ली थी। बाद में कोठी किसी और को बेच दी थी। मामला सामने आने के बाद राजस्व विभाग ने कोठी के इंतकाल को 29 जुलाई को रद कर दिया है। थाना सिटी में 17 अगस्त को वकील विक्त्रमजीत सिंह व विश्वजीत सिंह ऋ षि की शिकायत पर आइपीसी की धारा 419 /420 /465 /467 /468 /471 /448 /120बी तहत केस दर्ज किया गया था।


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