Move to Jagran APP

गबन के आरोपित ने जेल से ही रची जमानत की साजिश

बाबा मंगल सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन बुग्गीपुरा चौक में लगभग एक करोड़ रुपये के गबन व जालसाजी के आरोप में जेल में बंद पूर्व अकाउंटेंट ने जेल से रिहा होने के लिए एक और नई साजिश रच डाली। कॉलेज के लैटर पैड आदि की मदद से कॉलेज प्रबंध समिति की ओर से खुद को निर्दोष साबित करने वाले डॉक्यूमेंट तैयार कर पहले उन्हें जमानत के लिए हाईकोर्ट में पेश कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 06:50 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 06:50 PM (IST)
गबन के आरोपित ने जेल से ही रची जमानत की साजिश
गबन के आरोपित ने जेल से ही रची जमानत की साजिश

जागरण संवाददाता, मोगा : बाबा मंगल सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन बुग्गीपुरा चौक में लगभग एक करोड़ रुपये के गबन व जालसाजी के आरोप में जेल में बंद पूर्व अकाउंटेंट ने जेल से रिहा होने के लिए एक और नई साजिश रच डाली। कॉलेज के लैटर पैड आदि की मदद से कॉलेज प्रबंध समिति की ओर से खुद को निर्दोष साबित करने वाले डॉक्यूमेंट तैयार कर पहले उन्हें जमानत के लिए हाईकोर्ट में पेश कर दिया। मामला उल्टा पड़ते देख डॉक्यूमेंट वापस ले लिए। कॉलेज प्रबंधन समिति ने अकाउंटेंट के खिलाफ थाना मैहना में एक और केस दर्ज कराया है।

prime article banner

इंस्टीट्यूट के चेयरमैन न्यू गीता कॉलोनी निवासी डॉ.विनोद गोयल ने थाना मैहना में दी शिकायत में बताया कि उनके कॉलेज में अकाउटेंट रह चुके परमजीत सिंह ने अपने कार्यकाल में कॉलेज के लगभग एक करोड़ रुपये का गबन कर लिया था। कॉलेज की बस, जमीन खरीदने आदि के लिए अकाउटेंट के पास साइन किए खाली चेक, प्रबंधन समिति के अन्य डॉक्यूमेंट रहते थे, ताकि कालेज का काम किसी प्रबंध समिति के सदस्य के न रहने पर रुके। आरोप है कि अकाउंटेंट ने इसी का फायदा उठाया था, जिसके चलते तब डीएसपी निहालसिंह वाला की जांच के आधार पर परमजीत सिंह के खिलाफ 30 अप्रैल 2017 को केस दर्ज किया गया था। इस मामले में परमजीत सिंह ने सुप्रीम कोर्ट तक जमानत याचिका दायर की, लेकिन कहीं से भी उसे जमानत नहीं मिल सकी।

दर्ज कराई एफआईआर के कुछ दिन पहले उसने अपनी जमानत कराने के लिए आरोपित ने पत्नी की मदद से कॉलेज के लैटरपैड व अन्य डॉक्यूमेंट की मदद से कॉलेज प्रबंध समिति की ओर से प्रस्ताव पास किया जिसमें परमजीत सिंह को निर्दोष करने का फैसला रिकॉर्ड में दिखा दिया। इसी रिकार्ड के आधार पर उसने पहले लोअर कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया। यहां से जमानत रद्द होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन वहां जज की सख्ती के बाद अगली पेशी पर उसने याचिका वापस ले ली। इस बीच कॉलेज के संज्ञान में आने के बाद कॉलेज के चेयरमैन ने फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करने का एक और केस दर्ज करा दिया। आरोपित इस समय फरीदकोट जेल में बंद है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.