Move to Jagran APP

37.80 लाख की स्वीपिग मशीन उद्घाटन के दूसरे दिन ही पड़ी बंद

शहर से गुजरने वाले हाईवे मुख्य बाजार व अमृतसर रोड जैसी प्रमुख सड़कों की सफाई के लिए 37.80 लाख रुपये की लागत से खरीदी स्वीपिग मशीन उद्घाटन के दूसरे दिन ही बंद पड़ी गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 10:06 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 10:06 PM (IST)
37.80 लाख की स्वीपिग मशीन उद्घाटन के दूसरे दिन ही पड़ी बंद

जागरण संवाददाता.मोगा

loksabha election banner

शहर से गुजरने वाले हाईवे, मुख्य बाजार व अमृतसर रोड जैसी प्रमुख सड़कों की सफाई के लिए 37.80 लाख रुपये की लागत से खरीदी स्वीपिग मशीन उद्घाटन के दूसरे दिन ही बंद पड़ी गई। यह मशीन क्या एक बार फिर 'सफेद हाथी' बनकर रह जाएगी, ये सवाल अब उठने लगा है।

सूत्रों का कहना है कि निगम की कुछ यूनियनें स्वीपिग मशीन का प्रयोग करने का विरोध कर रही हैं। यही वजह है कि 26 फरवरी को उद्घाटन के दूसरे दिन जब मशीन से अमृतसर रोड पर सफाई की जा रही थी तो निगम के ही कुछ लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था। उसके बाद मशीन को निगम में लाकर खड़ा कर दिया गया। इससे पहले ही नगर कौंसिल के तत्कालीन अध्यक्ष डा.कुलदीप सिंह गिल के कार्यकाल में साल 2002 में स्वीपिग मशीन खरीदी गई थी, लेकिन तीन साल बाद ही नगर कौंसिल के नए अध्यक्ष जोगिदर पाल जैन ने कार्यकाल संभालने के बाद ही स्वीपिग मशीन को ये कहते हुए बंद करवा दिया था कि मशीन में जितना डीजल इस्तेमाल होता है, उतने पैसों की सफाई नहीं कर पा रही। ये सिर्फ आर्थिक बोझ ही है। उसके बाद से आज तक शहर तो क्या निगम के लोग भी भूल चुके हैं कि पुरानी मशीन आखिर है कहां। क्या है मामला

शहर की स्वच्छता को और बेहतर बनाने के लिए विधायक डा.हरजोत कमल व निगम कमिश्नर अनीता दर्शी की पहल पर स्वीपिग मशीन खरीदी गई थी। इसका उद्देश्य हाईवे पर प्रमुख सड़कों की पूरी साफ-सफाई रखना था। 37.80 लाख रुपये की लागत से स्वीपिग मशीन खरीदी गई। विधायक डा.हरजोत कमल ने 26 फरवरी को उद्घाटन कर हाईवे पर मशीन से सफाई का काम भी शुरू करवाया था। हैरानी की बात है कि मशीन ने जैसे ही काम शुरू किया तो निगम की कुछ यूनियनें विरोध में उतर आई जबकि मशीन खरीदे जाने की चर्चा काफी समय से थी। उस समय किसी ने विरोध नहीं किया था।

जमीनी हकीकत क्या है

करीब डेढ़ साल पहले तब एक्सईएन (अब सेवानिवृत) नछत्तर सिंह ने नगर निगम बोर्ड में पूरे शहर का निरीक्षण करने के बाद निगम सदन की बैठक में रिपोर्ट दी थी कि पूरे शहर में सिर्फ थाना सिटी-एक के निकट एक सफाई सेवक सफाई करते हुए मिला था। इस रिपोर्ट के बाद से भी शहर में सफाई में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। आज भी हालत वैसे ही हैं, इसको देखते हुए नई तकनीक वाली स्वीपिग मशीन शहर को साफ रखने में ज्यादा कारगर साबित हो सकती है।

डेमो के लिए चलाई थी मशीन

निगम के चीफ सैनेटरी इंस्पेक्टर विक्रमजीत सिंह का कहना है कि मशीन को अभी चालू नहीं किया है, सिर्फ डेमो के लिए चलाया था। चीफ सैनेटरी इंस्पेक्टर का ये बयान भी हैरान कर देने वाला है, किसी भी मशीन का डेमो उसे खरीदने से पहले होता है। उद्घाटन के बाद तो मशीन का काम शुरू होता है। इस पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं क्या बिना डेमो को निगम ने मशीन खरीदी थी।

जल्द ही मशीन सड़कों पर सफाई करती नजर आएगी

निगम कमिश्नर अनीता दर्शी का कहना है कि मशीन को हर हाल में चलाया जाएगा। शहर की स्वच्छता के मामले में किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा। जल्द ही मशीन फिर से सड़कों की सफाई करती नजर आएगी। हर सड़क की सप्ताह में एक बार मशीन से सफाई होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.