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11 कमजोर निकायों ने मोगा की अमीर नगर निगम की बत्ती बुझाई

शहर में इनर्जी सेविग लाइटें लगाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाने के नाम पर पिछले दिनों मेयर अक्षित जैन व विधायक डॉ.हरजोत कमल श्रेय लेने का दावा कर रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jul 2019 11:34 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2019 11:34 PM (IST)
11 कमजोर निकायों ने मोगा की अमीर नगर निगम की बत्ती बुझाई
11 कमजोर निकायों ने मोगा की अमीर नगर निगम की बत्ती बुझाई

सत्येन ओझा, मोगा : शहर में इनर्जी सेविग लाइटें लगाने के प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलाने के नाम पर पिछले दिनों मेयर अक्षित जैन व विधायक डॉ.हरजोत कमल श्रेय लेने का दावा कर रहे थे। वह प्रोजेक्ट कलस्टर में शामिल आर्थिक रूप से कमजोर 11 निकायों के चलते शुरू ही नहीं हो सका है। प्रोजेक्ट के तहत शहर में 10894 प्वाइंट पर इनर्जी सेविग लाइटें लगने से नगर निगम को हर महीने लगभग चार लाख रुपये के बिजली के बिल की बचत होगी। सरकार के हुए समझौते के तहत प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले सभी निकायों को कंपनी को टोकन मनी के रूप में बचत की राशि जमा करानी है, मोगा राशि जमा कराने की स्थिति में है, काम तभी शुरू होगा जब सभी 12 निकाय कंपनी को पैसे जमा करा देंगी, प्रोजेक्ट वहां भी लागू है।

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गौरतलब है कि प्रदेश की अकाली भाजपा गठबंधन सरकार में निकाय क्षेत्रों में इनर्जी सेविग एलईडी लाइटों का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था, बाद में सूबे में कैप्टन अमरिदर सिंह सरकार के सत्ता में आने के बाद मोगा नगर निगम क्षेत्र में 10894 स्ट्रीट लाइटें लगाने का फैसला किया गया था। मोगा सहित पूरे कलस्टर जिसमें 12 निकायों को शामिल किया गया है, उसका ठेका टीसीटी इंटरनेशनल लिमिटेड कंपनी को दिया गया है। सरकार के साथ कंपनी के हुए समझौते के तहत सभी 12 निकायों को कंपनी को टोकन मनी जमा करानी है, उसके बाद कंपनी शहर में पहले से लगी लाइटों को इनर्जी सेविग एलईडी लाइटें लगाने का काम शुरू करेगी।

सूत्रों का कहना है कि नगर निगम मोगा के पास को राशि है वह तत्काल कंपनी को जमा करा सकती है, लेकिन दूसरे 11 निकायों, बधनीकलां, कोट ईसे खां धर्मकोट आदि आर्थिक रूप से कमजोर नगर कौंसिल व नगर पंचायतें हैं, जिनके पास अपने हिस्से की राशि कंपनी के पास जमा कराने के लिए नहीं है। जिसके कारण मोगा निकाय क्षेत्र में जून के पहले सप्ताह में कंपनी ने निगम के अधिकारियों के समक्ष डेमो तो दे दिया, लेकिन बाद में निकायों के हिस्से की राशि कंपनी के पास जमा न होने के कारण अभी तक स्ट्रीट लाइटें बदलने का काम अधर में लटक गया है।

स्ट्रीट लाइट पर कुल खर्च

नगर निगम वर्तमान में स्ट्रीट लाइट के बिल पर दो करोड़ 75 लाख रुपये की राशि खर्च करता है। पिछले महीने का निगम का बिजली का बिल 16 लाख रुपये आया है। शहर में वर्तमान में स्ट्रीट लाइट के लगभग नौ हजार प्वाइंट हैं।

क्या है योजना

शहर में लगी सोडियम लाइटें, मरकरी लाइटें आदि बदलकर ठेकेदार निजी कंपनी शहर के 10894 प्वाइंट पर इनर्जी सेविग एलईडी लाइटें लगाएगी। एलईडी लाइटें लगने के बाद निगम का स्ट्रीट लाइट का बिजली का बिल वर्तमान बिल के मुकाबले 60 प्रतिशत रह जाएगा। जो चालीस प्रतिशत बिल की राशि बचेगी। वर्तमान बिल को देखते हुए निगम को हर महीने चार लाख रुपये की बचत होने की संभावना है। इसी बचत में से कंपनी का भुगतान होगा। यानि बिना कुछ अतिरिक्त राशि खर्च करके शहर रोशन हो जाएगा। मोगा सहित कलस्टर में आने वाले 12 निकायों में इस योजना को लागू करने सरकार ने मंजूरी मई के अंत में दे दी थी।


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