धर्म के मार्ग पर चलना कल्याणकारी रास्ता : विनय मुनी
संसू, बुढलाडा गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल संघ के जैन संत साध्वी सम्मेलन और जैन भगवती दीक्षा समागम की
संसू, बुढलाडा
गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल संघ के जैन संत साध्वी सम्मेलन और जैन भगवती दीक्षा समागम की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। जैन संत प्रकाश चंद जी महाराज, विनय मुनि जी महाराज, नरेश मुनि जी महाराज, संयम प्रभा जी के शुभ आगमन पर शहर में साधू साध्वियों का मेला लग गया है। शहर में बह रही धर्म की बयार के प्रति शहर निवासियों में उत्साह देखने को मिल रहा है। जैन नगरी का रूप धारण कर चुके शहर में जैन संतों के दर्शनों को लेकर भक्तों के चेहरों की रोनक आलौकिक नजारा पेश करती है। जैन संतों की सेवा और दर्शन मात्र का लाभ लेने के लिए देश भर से पहुंच रहे गुरु भक्तों की अद्भुत छटा देखते ही बनती है। इस तरह प्रतीत होता है कि शहर में जैन महाकुंभ की तैयारियां चल रही हैं। धर्म सभा में प्रवचन करते हुए विनय मुनि महाराज ने बताया कि दीक्षा ग्रहण कर संयम के मार्ग पर चलने वाला भाग्यशाली होता है। उन्होंने कहा कि संसार के सुख को त्यागकर धर्म के मार्ग पर चलना कठिन कार्य जरूर है, परंतु कल्याणकारी रास्ता है। जिस मानव की पुण्यबाणी जागती है, वही संयम और त्याग के रास्ते पर चलता है। उन्होंने कहा कि प्यासे को प्यास बुझाने के लिए कुएं के पास जाना पड़ता है उसी तरह आत्मा को प्यास बुझाने के लिए संतों की शरण में आना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बुराइयों को छोड़कर धर्म की साधना करने के साथ ही कल्याण होता है। इस अवसर पर चिरंजी लाल जैन ने बताया कि 21 फरवरी को होने वाले दीक्षा जयंती समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं और इस दिन लाखों की संख्या में जैन श्रद्धालु शामिल होंगे।