दो व्हीलचेयर के सहारे जिले का सिविल अस्पताल
राज्य के सरकारी अस्पतालों में व्हीलचेयर न होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नानक सिंह खुरमी, मानसा : राज्य के सरकारी अस्पतालों में व्हीलचेयर न होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन कुछ अस्पतालों में व्हीलचेयर होने के बावजूद भी यह मरीजों को नसीब नहीं हो पाती है। जिससे मरीजों को परेशानियों के सामना करना पड़ता है। यही हाल मानसा के सरकारी अस्पताल का है। एसएमओ अशोक कुमार ने बताया कि उनके सरकारी अस्पताल में पांच व्हीलचेयर है। ऐसे में दैनिक जागरण की टीम ने अस्पताल जाकर देखा तो वहां पर दो ही व्हीलचेयर मरीजों को उपलब्ध करवाई जा रही है। जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मानसा के सरकारी अस्पताल में शुक्रवार को चार दिव्यांग ओपीडी के लिए पहुंचे। जिन्हें व्हीलचेयर नहीं मिलने से उन्हें पर्ची कटवाने से लेकर डॉक्टर तक पहुंचने में करीब 20 मिनट का समय लगा। गांव नरिदरपुरा की महिला बेअंत कौर को दमे की बीमारी थी, वह अपने उपचार के लिए अस्पताल पहुंची थी। लेकिन पर्ची कटवाने से लेकर डॉक्टर तक पहुंचने तक उसे व्हीलचेयर नहीं मिली। जिससे उसे परेशानियों का सामना करना पड़ा। मानसा का सरकारी अस्पताल दो मंजिला बना हुआ है। अस्पताल में लिफ्ट की भी सुविधा नहीं है। टीबी, दिल, दांतों व चमड़ी के रोगों के मॉहिर डॉक्टर दूसरे फ्लोर पर बैठते है। जहां तक पहुंचने के लिए डॉक्टरों को रैंप से ही जाना पड़ता है।