अब सरकार की बरेटा की बजाय बुढलाडा के सरकारी अस्पताल पर है नजर
बेशक पंजाब सरकार द्वारा प्रदेश निवासियों को बढि़या सेहत सुविधाएं देने के दावे किए जाते हैं।
एसके शर्मा, बरेटा : बेशक पंजाब सरकार द्वारा प्रदेश निवासियों को बढि़या सेहत सुविधाएं देने के दावे किए जाते हैं, लेकिन यह दावे शहर में आकर फेल साबित होते हैं। यहां के सरकारी अस्पताल में कोई सुविधा या डॉक्टर न होने से लोगों को अपना इलाज निजी अस्पतालों में करवाना पड़ रहा है। यहां पर साल 2010 में 30 बेड वाले सरकारी अस्पताल में 54 के करीब स्टाफ के पद मंजूर किए हैं। आज तक इस में मात्र 13 लोगों का स्टाफ ही है, तथा 42 पद आज भी रिक्त पड़े हुए है। इसमें सिर्फ एक डॉक्टर ही अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है।
सूत्रों की माने तो यहां के सरकारी अस्पताल के सामान को बुढलाडा के सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया जा रहा है। करोड़ों रुपये की लागत से बनी बरेटा शहर के सरकारी अस्पताल की यह इमारत अब खंडहर में तबदील हो जाएगी ।
इस संबंध में अपना क्लब के सदस्यों गगनदीप सिंह सुखविदर शर्मा, दिलील सिंह व कुलदीप सिंह ने कहा कि सिविल अस्पताल में स्टाफ की कमी को लेकर सेहत विभाग,पंजाब सरकार व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल तक भी पहुंच की गई है। मगर आज तक किसी ने इस का कोई हल नहीं निकला है। इस कारण यह अस्पताल सुविधाओं से वंचित रहा है। उन्होंने कहा कि अगर शहर वासियों ने एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद नहीं की तो सेहत विभाग इस अस्पताल का सारा सामान भी बुढलाडा शिफ्ट कर देगा।
इस अवसर पर एसएमओ गुरचेतन प्रकाश ने कहा कि अस्पताल में खाली पडे़ पदों के बारे में सरकार को अवगत करवा जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा को देखते हुए बरेटा सिविल अस्पताल से दो एसी को बुढलाडा में लगा दिया गया है।