दिल्ली गए किसानों के लंगर का प्रबंध कर रहे हैं हरियाणा के किसान
कई माह से लगातार संघर्ष किया जा रहा है।
संस, मानसा : केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए खेती कानून के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा कई माह से लगातार संघर्ष किया जा रहा है। इस संघर्ष के तहत ही किसान जत्थेबंदियों द्वारा दिल्ली में पिछले दो दिन से धरना लगा कर रोष प्रगट किया जा रहा है। दिल्ली से बातचीत करते किसान नेता बलविदर शर्मा ने कहा कि किसानों के हित की सुरक्षा के लिए समूह किसान जत्थेबंदियों द्वारा किया जा रहा संघर्ष सफल रहेगा और केंद्र सरकार को किसान संघर्ष के आगे घुटने टेकते हुए अपने काले कानून को वापस लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब तक खेती कानून रद नहीं किया जाता तब तक संघर्ष जारी रखा जाएगा। लंगर व मेडिकल सुविधा संबंधी जानकारी देते उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों व किसान जत्थेबंदियों द्वारा लंगर का पूरा प्रबंध किया गया है। वहीं मेडिकल सुविधा के लिए हरियाणा के डाक्टरों की टीम के अलावा मेडिकल प्रेक्टिशनर एसोसिएशन पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष धन्ना मल्ल गोयल की अगुआई में भी पंजाब के डाक्टर द्वारा सेहत सुविधाएं प्रदान की जा रही है। हरियाणा की खट्टर सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन : कृषि कानूनों के खिलाफ रेलवे स्टेशन से बारा हट्टा चौक तक खट्टर सरकार खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। किसान नेाओं ने कहा कि देश के नेताओं ने दिल्ली जा रहे किसानों के रास्ते में अनेक समस्याएं खड़ी कर किसानी मसले हल करने के बजाय तानाशाही रवैया अख्तियार किया है।
उन्होंने कहा कि देश के मजदूर, किसान, दुकानदार अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते आंदोलन के जरिए अपनी बात सरकार को सुनाना चाहिए, लेकिन सरकार द्वारा आंदोलनकारियों पर अंधाधुंध पर्चे दर्ज करना और मसलों को बातचीत के जरिए ना सुलझाना भाजपा की लोक विरोधी रणनीति है। इसको देश के संघर्षशील लोग कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस मौके पर पंजाब किसान यूनियन के राजविद्र राणा, पंजाब किसान यूनियन के गोरा सिंह भैणी, डकौंदा के बलवीर कौर, दर्शन सिंह रल्ला, आल इंडिया सेंट्रल कौंसिल के नेता नरिद्र कौर बुर्ज हमीरा, क्रांतिकारी किसान यूनियन के भजन सिंह, कुल हिद किसान सभा के दर्शन सिंह पंधेर, इंकलाबी नौजवान सभा के नेता विदर अलख, अस्पताल सुधार संघर्ष कमेटी के नेता परमजीत सिंह डसका व ब्लाक नेता करनैल सिंह ख्याला मौजूद थे।