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मानसा में हरसिमरत बादल के काफिले को किसानों ने घेरा

कृषि कानूनों के विरुद्ध संघर्ष के दौरान मरने वाले किसानों के घर दुख जताने जा रही पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का मानसा जिले के गांवों में विरोध हुआ। दो गांवों दोदड़ा व भादड़ा में किसानों ने उनकी के काफिले को घेर लिया

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 06:58 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jan 2021 10:00 PM (IST)
मानसा में हरसिमरत बादल के काफिले को किसानों ने घेरा
मानसा में हरसिमरत बादल के काफिले को किसानों ने घेरा

संवाद सहयोगी, मानसा

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कृषि कानूनों के विरुद्ध संघर्ष के दौरान मरने वाले किसानों के घर दुख जताने जा रही पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का मानसा जिले के गांवों में विरोध हुआ। दो गांवों दोदड़ा व भादड़ा में किसानों ने उनकी के काफिले को घेर लिया। गांवों में घुसने नहीं दिया, काली झंडियां दिखाकर भाजपा व अकाली दल विरोधी नारेबाजी की गई। उन्हें रास्ता बदलकर जाना पड़ा। हरसिमरत केवल एक गांव दोदड़ा में ही किसान के घर जा सकी, जबकि बाकी गांवों में जाने से पहले उनको वहां से वापस लौटना पड़ा। सुरक्षा कर्मियों व जिला प्रशासन ने किसानों का विरोध होते देख उनको पहले ही गांवों में न जाने प्रति चौकस कर दिया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री शाम के समय बोहा के एक अकाली वर्कर के घर कुछ समय ठहरने के बाद वापस लौट गई।

किसानों ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने किसानों के साथ द्रोह कमाया है और उनको गांवों में घुसने नहीं दिया जाएगा। उनके वापस जाने के बाद भी किसान नेता काले झंडे लेकर गांवों की चौपालों में डटे रहे। जिले के गुड़दी, भादड़ा, दोदड़ा, बछोआना, धर्मपुरा, बरेह व बोहा में किसानो का देहांत हो गया था। अकाली दल ने मृतक किसानों के लिए सरबत के भले की अरदास करवाने के बाद गांवों में जाकर उनके घरों में दुख बांटने का प्रोग्राम बनाया था। इसके तहत हरसिमरत रविवार को गांव भादड़ा गई तो उनको सूचना मिली कि गांवों में किसानों द्वारा उनके आगमन का विरोध किया जा रहा है। गांवों में किसानों ने विरोध कर पूर्व केंद्रीय मंत्री को वहां नहीं घुसने दिया। जिस कारण उनको बैरंग लौटना पड़ा।

किसान नेता जगसीर सिंह, मेजर सिंह भादड़ा, बिद्र सिंह, मेजर सिंह बछोआना, महिद्र सिंह व कुलदीप सिंह आदि ने कहा कि किसानों ने काली झंडियां लेकर अकाली दल का विरोध किया है। अकाली दल किसानी मुद्दों पर दोहरी चालें चलता आ रहा है। दिखावे के तौर पर किसानों के हितों की बात करने वाला अकाली दल किसानी संघर्ष दौरान कभी भी उनकी हिमायत पर नहीं आया। अब केवल राजनीति करने के लिए किसानों के साथ दुख बंटाने का ड्रामा किया जा रहा है। अकाली दल के हर नेता का हर फ्रंट पर विरोध किया जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल मानसा जिले के गांवों में आएंगी तो उनको काली झंडियां दिखाई जाएंगी। उनके विरोध कारण पूर्व केंद्रीय मंत्री किसानों के घरों में जाने की बजाय वापस चली गई। किसानों की बात पता नहीं क्यों नहीं सुन रहे प्रधानमंत्री : हरसिमरत

पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा किसानों की मांगों व उनकी बात न सुनना समझ से बाहर है। केंद्र सरकार को गंभीर होकर काले कानून वापस लेने चाहिए। कड़ाके की ठंड में देश का अन्नदाता संघर्ष कर रहा है और सरकार को जरा भी चिता नहीं है। शिरोमणि अकाली दल किसान हितों व मांगों के लिए उनके साथ डटकर खड़ा है और इसके लिए उसको किसी कुर्सी या राजनीति की जरूरत नहीं है।


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