डीसी मानसा के दफ्तर आगे किसानों का धरना जारी
किसान संघर्ष में मरने वाले किसान के परिवारों को मुआवजा सरकारी नौकरी कर्ज माफी करने की मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन एकता उगहारां द्वारा डीसी मानसा के दफ्तर आगे मंगलवार से शुरू किया धरना बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।
संवाद सहयोगी, मानसा : किसान संघर्ष में मरने वाले किसान के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी, कर्ज माफी करने की मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन एकता उगहारां द्वारा डीसी मानसा के दफ्तर आगे मंगलवार से शुरू किया धरना बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। संगठन के जिलाध्यक्ष राम सिंह भैणीवाघा ने कहा कि कैप्टन की सरकार मौजूदा संघर्ष में मरने वाले किसानों के परिवारों को खुले मन के साथ मदद करने से संकोच कर रही है।न्होंने मांग की कि मौजूदा संघर्ष में शहीद हुए किसानों, मजदूरों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये तुरंत दिए जाएं। परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी दी जाए। इस अवसर पर जगसीर सिंह दोदड़ा, साधु सिंह अलीशेर, राम सिंह भलाईके, लाभ सिंह खोखर आदि ने संबोधित किया।
माल के आगे किसानों का धरना तीन माह से जारी
कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए निजी माल के आगे चल रहे धरने में किसान कड़ाके की ठंड में 90वें दिन भी डटे रहे। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के ब्लाक नथाना की अगुआई में किसानों ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके किसान नेता नगौर सिंह, कर्मजीत कौर लहराखाना, सिमरजीत सिंह, बलतेज सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपने अड़ियल रवैया के कारण किसानों पर थोपे जा रहे कानून वापस नहीं कर रही। उन्होंने कहाकि जब तक यह कानून रद नहीं होते यह संघर्ष जारी रहेगा।
किसानों के हक में निकाला कैंडल मार्च
खेती कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के हक में सीनियर सिटीजन काउंसिल की ओर से शहर में कैंडल मार्च निकाला गया। उनके द्वारा फायर ब्रिगेड चौक से कैंडल मार्च शुरू किया गया जो भगत सिंह चौक में पहुंचकर समाप्त हुआ। इस दौरान काउंसिल के नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि खेती कानून से पंजाब खत्म हो जाएगा। किसानों को उनकी ही फसल का मूल्य बहुत कम मिलेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि इतनी कड़ाके की सर्दी में बैठे किसानों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।