किसानों ने मानसा में निकाला रोष मार्च
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) की अगुवाई में हजारों किसानों ने केंद्र सरकार खिलाफ डीसी दफ्तर के नजदीक धरना देकर मोदी सरकार खिलाफ नारेबाजी करते पूरे शहर में रोष प्रदर्शन किया।
सहयोगी, सहयोगी, मानसा : भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) की अगुवाई में हजारों किसानों ने केंद्र सरकार खिलाफ डीसी दफ्तर के नजदीक धरना देकर मोदी सरकार खिलाफ नारेबाजी करते पूरे शहर में रोष प्रदर्शन किया।
जत्थेबंदी के जिलाध्यक्ष राम सिंह भैणीवाघा ने कहा कि मोदी सरकार पूरे हिदुस्तान के किसानों को बर्बाद कर खेती कारोबार बड़े घरानों के हवाले करने की नीयत से फैसले ले रही है। नए खेती कानून लाना इसी नीति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसान पिछले महीनों से संघर्ष के मैदान में हैं। किसानों का यह संघर्ष किसान विरोधी कानूनों की वापसी तक जारी रहेगा। खादें, कीटनाशक दवाइयां, डीजल व मशीनरी महंगी कर दी है और किसानों की फसलें भाव तय करने और सरकारी खरीद बंद करके किसानों को उनकी जमीनों में से बाजू पकड़कर बाहर निकालने के लिए रास्ते अपनाए जा रहे हैं। धान की पराली के मुद्दे पर बोलते किसान नेता ने कहा कि सरकारों द्वारा कोई ठोस हल निकालने की बजाय पराली को आग लगाने वाले किसानों को एक करोड़ के जुर्माने तथा पांच साल की सजा देने का प्रबंध करके किसानों के साथ ऐसे किया जाता है जैसे पंजाब के किसान किसी दुश्मन देश के बाशिदे हों। 26 व 27 नवंबर के दिल्ली धरने की तैयारी में 21, 22 व 23 नवंबर को गांव हिलाओ मुहिम तहत दिन के समय महिलाओं द्वारा प्रदर्शन, रातों को नौजवानों द्वारा विशाल मार्च किए जाएंगे। इस मौके इंद्रजीत सिंह झब्बर, महिद्र सिंह, उत्तम सिंह रामानंदी, जगदेव सिंह भैणीवाघा, साधु सिंह अलीशेर, मलकीत सिंह कोटधरमू, जग्गा सिंह जट्टाणा, जसविद्र कौर झेरियांवाली व चरणजीत कौर खीवा ने भी संबोधित किया।