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महंगी बिजली के खिलाफ 16 हजार जनसभाएं करेगी आम आदमी पार्टी : बुधराम

महंगी बिजली के मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा पंजाब में गांव-गांव वार्ड वार्ड में लोक चेतना जनसभाएं शुरू की गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 10:10 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 10:10 PM (IST)
महंगी बिजली के खिलाफ 16 हजार जनसभाएं करेगी आम आदमी पार्टी : बुधराम
महंगी बिजली के खिलाफ 16 हजार जनसभाएं करेगी आम आदमी पार्टी : बुधराम

संसू, मानसा : महंगी बिजली के मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी द्वारा पंजाब में गांव-गांव वार्ड वार्ड में लोक चेतना जनसभाएं शुरू की गई हैं। प्रिसिपल बुधराम ने कहा कि कैप्टन ने बड़े-बड़े वादे कर सरकार बनाई थी। आज लोग चुनाव मैनीफेस्टों में किए वादों का जवाब मांग रहे हैं। घर-घर नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, 51 हजार शगुन, 2500 रुपये पेंशन व किसानों के कर्जे माफी के वादे लोगों ने पहचान लिए हैं, लोगों का सरकार के प्रति भारी रोष है।

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इसी तरह चुनाव मैनीफेस्टों में किए वादे अनुसार कि प्राइवेट थर्मलों से किए समझोते कांग्रेस सरकार आने पर रद किए जाएंगे व बिजली सस्ती मुहैया करवाई जाएगी। लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उलट। जहां कैप्टन सरकार ने प्राइवेट थर्मलों के मालिकों को सरकारी खजाना लूटने की छूट अकालियों की तरह दी है। वहीं बिजली दरों में बार-बार बढ़ोतरी करके आम लोगों का बिजली बिलों ने कचूमर निकाल दिया है। बिजली के बड़े बिलों के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने मुहिम शुरू की है कि बिजली के समझोते आप की सरकार आने पर रद किए जाएंगे। अध्यक्ष आम आदमी पार्टी जिला मानसा चरणजीत सिंह अक्कांवाली ने कहा कि आम आदमी पार्टी के बिजली आंदोलन को मिल रहे भरपूर समर्थन कारण अब कैप्टन सरकार कोरोना की आड़ में सियासी गतिविधियों पर रोक लगाना चाहती है जिसको आम आदमी पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी व बिजली मुहिम आंदोलन हर गांव, हर वार्ड में होगा व हर जगह महंगे बिलों की कापियां जलाई जाएंगी।

केंद्र सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया : जीदा

बठिडा में आम आदमी पार्टी के जिला प्रधान नवदीप सिंह जीदा, बठिडा देहाती के प्रधान गुरजंट सिंह सिवियां व किसान विग के प्रधान जतिदर सिंह भल्ला ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों से मजदूरों, आढ़तियों व व्यापारियों का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि खेती कानूनों को लागू करने में केंद्र सरकार के साथ साथ पंजाब की कैप्टन सरकार भी जिम्मेवार है, क्योंकि पंजाब सरकार केंद्र के साथ मिली हुई है। जबकि कैप्टन सरकार ने किसानों व आढ़तियों का पक्ष केंद्र सरकार के पास सही ढंग से नहीं रखा। जिसके साथ किसानों व आढ़तियों के साथ व्यापारियों का नुकसान हो रहा है।

अब किसानों द्वारा इस्तेमाल की जा रही डीएपी खाद की कीमतों में वृद्धि करते हुए केंद्र सरकार ने हर बैग की कीमत 1200 रुपये लेकर 1900 रुपये तक कर दी है। जबकि पंजाब में 8 लाख टन खाद का इस्तेमाल होता है। जिस कारण केंद्र सरकार किसानों पर 1100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ डाल रही है।


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