दशमेश नगर में भूख से परेशान लोग शारीरिक दूरी तोड़ सड़क पर उतरे
कोरोना वारयस को फैलने से रोकने के लिए राज्य में एक माह से कर्फ्यू लगा हुआ है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : कोरोना वारयस को फैलने से रोकने के लिए राज्य में एक माह से कर्फ्यू लगा हुआ है। पहले तो लंगर आदि लगने से श्रमिक अपनी भूख शांत कर लेते थे। लेकिन अब लंगर भी बंद होने से उन्हें खाने के लाले पड़े हैं। ऐसे में भूख बर्दाश्त ना होने पर ढंडारी के दुर्गा कालोनी इलाके में भारी संख्या में श्रमिक बेहड़ों से निकलकर सड़क पर उतर गए।
इनमें से कुछ श्रमिक ऐसे भी थे जो पैदल ही अपने गांवों की ओर चले थे लेकिन उन्हें पुलिस ने अंबाला से लौटा दिया।
दशमेश नगर में किराए पर रहने वाले श्रमिक पैदल ही यूपी व बिहार स्थित अपने गांव की ओर चल दिए। उन्होंने बताया कि जैसे ही वह अंबाला पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया और लौटा दिया। किसी तरह वह फिर से लुधियाना पहुंचे। यहां अब मकान मालिक उन्हें रखने को तैयार नहीं था। बाद में किसी तरह वह माना और उन्हें कमरे में रहने दिया। श्रमिक नंदलाल, वीरेंद्र, कैलाश, विनोद, तपेश्वर, अरुण आदि ने कहा कि सरकार श्रमिकों को खाना उपलब्ध करवाए। देर शाम दर्जनों लोग राशन की मांग को लेकर ढंडारी पुलिस चौकी पहुचं गए। सभी ने पुलिस से उन्हें राशन उपलब्ध करवाने की मांग की।
उधर, इस संबंध में साउथ विधानसभा के विधायक बलविंदर सिंह बैंस ने कहा कि सरकार की ओर से बांटा जा रहा राशन सिर्फ कांग्रेसी वर्करों को मिल रहा है। जिन्हें असल में जरूरत है उन तक राशन नहीं पहुंच रहा। वार्ड 87 में राशन को लेकर हंगामा
वार्ड 87 में सरकार की ओर से 400 परिवारों के लिए भेजे गए राशन को बांटने के लिए पार्षद सरकारी स्कूल बांटने के लिए ले गया। राशन बंटने की खबर मिलते ही स्कूल में 800 लोग जमा हो गए। इस दौरान राशन लेने वालों ने शारीरिक दूरी का भी ख्याल नहीं रखा। इस दौरान कई लोगों ने राशन नहीं मिलने को लेकर हंगामा भी किया। इस बारे में पार्षद हंसराज ने कहा कि राशन वितरण के लिए जिला प्रशासन की ओर से सुपरवाइजर आया था। उसने ही राशन बांटा है। वहीं, सुपरवाइजर हरजीत सिंह का कहना था कि जितना राशन आया था सारा बांट दिया गया है।