अंग्रेजों की कलाकारी का आज भी नहीं कोई सानी, लुधियाना में क्राइस्ट चर्च की छत पर लगी लकड़ी 170 साल से सुरक्षित
अंग्रेजों ने लुधियाना में करीब 170 साल पहले फव्वारा चौक के पास क्राइस्ट चर्च का निर्माण किया था। इस चर्च की छत पर कंक्रीट का लेंटर डालने के बजाय लकड़ी शीट बनाकर लगा दी। 170 साल बाद भी छत पर लगी लकड़ी की शीट सुरक्षित हैं।
लुधियाना, जेएनएन। आर्किटेक्ट और इंजीनियरिंग के मामले में 200 साल पहले अंग्रेजों का कोई सानी नहीं था। उन्होंने इमारतों को इस तरह डिजाइन किया है कि अब ऐसा करना संभव नहीं है। लुधियाना में अग्रेजों के आर्किटेर का एक ऐसा नमूना है जो कि अपने आप में अनूठा है। अंग्रेजों ने करीब 170 साल पहले एक चर्च का निर्माण किया और उसकी छत पर कंक्रीट का लेंटर डालने के बजाय लकड़ी शीट बनाकर लगा दी।
170 साल बीत जाने के बाद भी छत पर लगी यह लकड़ी की शीट आज भी सुरक्षित हैं। हालांकि इतने लंबे समय के बाद अब कुछ शीट उसमें से खराब होने लगी हैं। लकड़ी को पानी लग जाए तो वह अकसर खराब हो जाती है। लुधियाना की इस चर्च की छत पर लगी लकड़ी ने कई बरसातों को झेल लिया है। लुधियाना के फव्वारा चौक के पास क्राइस्ट चर्च सन 1849 में बनाया गया था। यह चर्च बीआइ कैप्टन जेई क्राउंड्स की याद में बनाई गई थी।
दअरसल जेई क्राउंड्स की मौत 1849 में 38 वर्ष की उम्र में हो गई थी तो उनकी याद में उनके रिश्तेदारों ने उसी साल इस चर्च का निर्माण किया था। चर्च को हट के रूप में बनाया गया था। छत पर तेज ढलान दी गई थी ताकि उसके ऊपर पानी न टिके। इस तरह की छत अक्सर पहाड़ी क्षेत्रों में बनाई जाती हैं, जहां पर बर्फवारी होती है। इस चर्च के अंदर हाल में जो तस्वीरें लगी हैं हैं वह जेरूसलम से मंगवाई गई थी। यहां लगी फोटो करीब साढ़े छह फीट ऊंची है। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह चर्च आज भी शहर के प्रमुख आस्था के केंद्रों में से एक है। हर साल क्रिसमस और अन्य त्योहारों पर यहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। हर रविवार को यहां पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है।