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नई तकनीक से अब गायें सिर्फ बछड़ियों को ही जन्म देंगी : गिरिराज सिंह

मंत्री ने दावा किया कि देश में 30 करोड़ के करीब पशु हैं जिनमें मुश्किल से 10 करोड़ गाय-भैंस ही दूध देती हैं। बाकी के 20 करोड़ पशु को भी कमाऊ बना दिया जाएगा।

By Edited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 10:34 AM (IST)
नई तकनीक से अब गायें सिर्फ बछड़ियों को ही जन्म देंगी : गिरिराज सिंह
नई तकनीक से अब गायें सिर्फ बछड़ियों को ही जन्म देंगी : गिरिराज सिंह

जगराओं (लुधियाना), जेएनएन। देश का विकास खेती से नहीं बल्कि डेयरी पशु पालकों के कारण है। क्योंकि वर्ष 2017 में गेहूं व धान के उत्पादन के आंकड़ों के मुकाबले दूध का उत्पादन 6 करोड़ 14 लाख लीटर था जो कि अब 188 मीलियन टन पहुंच चुका है। यह बात केंद्रीय पशुपालन डेयरी विकास व मछली पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कही। वह शनिवार को जगराओं के दाना मंडी में पीडीएफए द्वारा आयोजित तीन दिवसीय पशु मेले का उद्घाटन करने पहुंचे थे।

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उन्होंने कहा कि पशुओं में ब्रूसलोसिस भयानक बीमारी है, जोकि चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि पशुओं में बांझपन की समस्या को देखकर अब केंद्र सरकार ने ऐसा प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसमें सोरटिड सेक्स सीमेन पशु पालकों को दिए जाएंगे, जिससे देश की गाय केवल बछड़ियों को ही जन्म देंगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह सीमेन आज 1200 रुपये का मिल रहा है, वह 2020 तक 100 रुपए में मिलेगा। गिरिराज ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने अपने कार्यकाल के दौरान ब्राजील को भारतीय गाय दी। आज ब्राजील की गाय 60 लीटर दूध देती है, जबकि हमारे देश की गाय अनमोल-साहीवाल 12 से 15 लीटर तक दूध देती है। यह सब गलत नीतियों का परिणाम है कि हम अन्य देशों के मुकाबले डेयरी पशु पालन में पिछड़ गए हैं। मंत्री ने दावा किया कि देश में 30 करोड़ के करीब पशु हैं, जिनमें मुश्किल से 10 करोड़ गाय-भैंस ही दूध देती हैं। बाकी के 20 करोड़ पशु को भी कमाऊ बना दिया जाएगा। इसके लिए इन पशुओं के गोबर व गोमूत्र से अनेक प्रोडक्ट बनाने की योजना है। इसके लिए एक वर्ष का समय लगेगा।

पंजाब व हरियाणा प्रॉन, मछली हब बनेगा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंजाब व हरियाणा के जिन इलाकों में जमीनी पानी खारा हो गया है, उस पर चर्चा करते हुए कहा कि इन इलाकों में प्राउन मछली पाली जाएगी। वह समय दूर नहीं जब पंजाब व हरियाणा प्राउन मछली का हब बनेगा। किसान की बेहतरी के लिए पूर्व सरकारों ने काम किया होता तो आज दिन कुछ और होते। सब्सिडी को सरकारी लालच बताते हुए उन्होंने कहा कि आज किसान इस चक्रव्यूह में फंसा हुआ है, जबकि किसानी सब्सिडी पर नहीं अपने पैरों पर खड़ी होनी चाहिए।


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