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सिविल अस्पताल की टूटी खिड़कियां, गत्ते लगा मरीजों को ठंड से बचा रहे स्वजन

सिविल अस्पताल लुधियाना के ज्यादातर वार्डों में खिड़कियों के शीशे टूट चुके हैं। अंदर आ रही ठंडी हवाओं के कारण मरीज ठिठुर रहे हैं।

By Edited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 03:34 PM (IST)
सिविल अस्पताल की टूटी खिड़कियां, गत्ते लगा मरीजों को ठंड से बचा रहे स्वजन
सिविल अस्पताल की टूटी खिड़कियां, गत्ते लगा मरीजों को ठंड से बचा रहे स्वजन

लुधियाना, जेएनएन। कड़ाके की ठंड में सिविल अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवाना मरीजों के लिए आसान नहीं है। मरीजों को ठिठुरते हुए रात बितानी पड़ रही है। अस्पताल के ज्यादातर वार्डों में खिड़कियों के शीशे टूट चुके हैं। अंदर आ रही ठंडी हवाओं के कारण मरीज ठिठुर रहे हैं। स्वजन जुगाड़ करके खिड़कियों पर कंबल, चादर और गत्ता रखकर जैसे-तैसे मरीजों को ठंडी हवाओं से बचा रहे हैं। यह हाल केवल एक वार्ड का नहीं है, पूरे अस्पताल में ही खिड़कियों की हालत खराब है।

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मरीजों के परिजनों ने बताया कि दिन तो वह जैसे-तैसे निकाल लेते हैं, लेकिन रात में जब बर्फीली हवाएं चलती हैं तो ठंड से बुरा हाल हो जाता है। वह मरीज को तो दो-तीन कंबल ओढ़ाकर बचाव करते हैं। वहीं, ठंडी हवा को अंदर आने से रोकने के लिए खिड़कियों पर भी कंबल टांगने पड़ते हैं। कई बार कंबल से भी हवा नहीं रूकती, तो प्लास्टिक की बोरिया व गत्ते तक लगाने पड़ते हैं। स्वजनों ने कहा कि बेहतर इलाज की सुविधाओं का दावा करने वाले अस्पताल प्रबंधन को कम से कम खिड़कियों को तो ठीक करवाना चाहिए ताकि मरीजों को परेशानी न आए।

एसएमओ बोले, खिड़कियों को जल्द ठीक करवाएंगे

इस संबंध में जब अस्पताल के एसएमओ डॉ. अविनाश जिंदल के साथ बात की गई तो उनका उन्होंने कहा कि अगर वार्डों में खिड़कियों के शीशे टूटे हैं तो उसे जल्द ठीक करवाया जाएगा। अगर किसी मरीज को परेशानी आ रही थी, तो उन्हें बताते, समस्या का समाधान पहले ही हो जाता।


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