Weather: अभी दो दिन और सताएगी गर्मी, 6 जून को बदलेगा मौसम
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. केके गिल के अनुसार 5 जून तक तेज लू और भीषण गर्मी सताएगी। छह जून से मौसम बदलेगा।
जेएनएन, लुधियाना। गर्मी पिछले एक हफ्ते से अपना प्रचंड रूप दिखा रही है। भीषण गर्मी व उमस से लोग बेहाल हो रहे हैं। इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट चंडीगढ़ के अनुसार रविवार को अधिकतम तापमान 43.6 व न्यूनतम तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। सुबह आठ बजे से ही सूरज ने रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया था। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, चिलचिलाती धूप व लू की वजह से लोग व्याकुल होते रहे। धूप के तल्ख तेवर देखकर ज्यादातर लोगों ने शाम पांच बजे तक घरों में ही रहना मुनासिब समझा, जिसका असर शहर की सड़कों व बाजारों में भी दिखा। जहां दोपहर में सन्नाटा पसरा हुआ था। जो लोग घरों से बाहर थे, उनका गर्मी से बुरा हाल था। खासकर, दो पहिया वाहन चालक तो धूप में झुलसते हुए दिखे। जहां कहीं भी उन्हें सड़क पर पेड़ों की छांव दिखी, वह रुक जाते। शाम पांच बजे के बाद ही बाजारों में चहल-पहल दिखी।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. केके गिल के अनुसार पांच जून तक तेज लू और भीषण गर्मी सताएगी। छह जून से मौसम बदलेगा। हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। सात जून को भी धूल भरी हवाएं चलने व बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। अगर ऐसा होता है तो तपिश थोड़ी कम होगी। डॉ. गिल ने कहा कि गर्मी जितनी अधिक पड़ेगी, मानसून मजबूत होगा।
भीषण गर्मी की वजह से लोग घरों के बाहर नहीं निकल रहे हैं, जिसकी वजह पर सड़कें सुनसान दिख रही हैं।
बच्चों के लिए बरतें यह सावधानियां
इन दिनों पारा काफी अधिक चल रहा है। जरा सी चूक बच्चों के लिए घातक हो सकती है। सिविल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरजीत सिंह का कहना है कि कोशिश करें कि बच्चों को सुबह 11 से शाम चार बजे तक धूप में न जाने दें। यदि बच्चों को घर से बाहर ले जाना पड़े तो सिर ढक लें। छतरी का प्रयोग करें, जितना हो सके, पानी पिलाएं। पानी की कमी से बच्चों को डीहाइड्रेशन की समस्या आने से उनके बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। छह माह से छोटे शिशुओं को पानी पिलाने की जरूरत नहीं होती। क्योंकि वह स्तनपान से ही पानी की जरूरत पूरा कर लेते हैं। ऐसे में मां छोटे शिशुओं को थोड़े-थोड़े अंतराल में स्तनपान जरूर करवाएं। इसके अलावा गर्मियों में बच्चों को सूती के कपड़े पहनाएं। कपड़े हल्के रंग के हों तो बेहतर होगा। बच्चों को साफ सुथरा रखें। उन्हें रोज नहलाएं। बच्चा अगर बहुत छोटा है तो चिकित्सक के परामर्श के अनुसार उसे नहलाएं। बच्चों को फास्ट फूड, तला हुआ भोजन, बाजार में बिकने वाले कटे हुए फल बिल्कुल न खिलाएं।
धूप में घर से निकलें तो करें यह काम
- पानी की बोतल साथ रखें
- संस क्रीम का उपयोग करें
- नींबू पानी पीएं
- बाइक सवार हेलमेट रखें
- कपड़ा-टोपी जरूर रखें
आंखों में भी हो सकती है एलर्जी
आंखों के विशेषज्ञ डॉ. रमेश मंसूरा के मुताबिक बदलते मौसम और तेज धूप से आंखों में एलर्जी की समस्या आ सकती है। एलर्जिक रिएक्शन में सबसे पहले आंखों में जलन, चुभन जैसे लक्षण महसूस होते हैं। आंखों में लाली भी आ सकती है।
क्या करें
चुभन, जलन या धूल कण जाने से संबंधित महसूस हो तो आंखों को रगड़े नहीं। सूरज की तेज धूप और उससे निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से आंखों का बचाव करने के लिए अच्छी क्वालिटी के सनग्लासेस पहन कर निकलें। धूप से लौटने के बाद शरीर के सामान्य होने पर ही चेहरे और आंखों को ठंडे पानी से अच्छी तरह धोएं। आंखों पर करीब दो मिनट तक ठंडे पानी के छींटे मारें।
बुजुर्ग भी बरतें सावधानी
मेडिसन विशेषज्ञ डॉ. गुरमीत सिंह ने कहा कि धूप में बुजुर्गों को घरों में ही रहना चाहिए। क्योंकि गर्म हवाओं से हीट स्ट्रोक हो सकता है। जो बाहर रहते हैं, उन्हें पसीना बहुत आता है। लगातार पसीना निकलने से शरीर के तरल पदार्थ व खनिज तत्व बाहर निकलते हैं, जिससे डीहाइड्रेशन की समस्या आती है।
डीहाइड्रेशन के लक्षण
गर्मी के कारण डीहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। इसमें चक्कर आना, घबराहट, थकावट होने जैसे लक्षण देखने को मिल जाते हैं।
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