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साढ़े तीन घंटे की बारिश ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कों पर दिखीं बत्तखें Ludhiana News

साढ़े तीन घंटे की बारिश ने स्मार्ट सिटी की पोल खोल कर रखी दी। हालत यह रही कि शहर की सड़कों पर बत्तखें आ गईं। मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश होने की चेतावनी जारी कर दी थी।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 11:42 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 04:04 PM (IST)
साढ़े तीन घंटे की बारिश ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कों पर दिखीं बत्तखें Ludhiana News
साढ़े तीन घंटे की बारिश ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कों पर दिखीं बत्तखें Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। साढ़े तीन घंटे की बारिश से शहर लगभग झील में तब्दील हो गया, लोगों के घरों, दुकानों, फैक्ट्रियों समेत हर जगह पानी ही पानी नजर आ रहा था। पानी को देखकर आज लोगों के पसीने छूट रहे थे। लुधियानवी पाई-पाई जोड़कर बनाए अपने घरों का सामान समेटने में लगे थे। न दफ्तर जाने की चिंता थी और न ही अपने कारोबार पर। सिर्फ यही जुगाड़ हो रहा था कि घर के सामान को किस तरह से पानी की जद से बचाया जाए। पूरा-पूरा परिवार घरेलू सामान को समेटने में लगा था।

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हालत यह थी कि कहीं फ्रिज जमीन की बजाए बेड पर नजर आ रहा था और कहीं रसोई का सामान ऊपर सुरक्षित किया जा रहा था। कुल मिला कर साढ़े तीन घंटे की बारिश ने स्मार्ट सिटी की पोल खोल कर रखी दी। हालत यह रही कि शहर की सड़कों पर बत्तखें आ गईं। उधर मजे की बात यह है कि निगम प्रशासन ने जलभराव का ठीकरा जनता पर ही फोड़ कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडऩे का प्रयास किया।

घुमारमंडी में सड़कों पर जमा हुए बरसात के पानी में तैरती बतखें।

निगम कमिश्नर कंवलप्रीत कौर बराड़ ने यह समझाया कि लोगों की तरफ से नालियों में फेंके जाते टूटे फर्नीचर, गली-सड़ी सब्जियां, पुराने कपड़े और घरों के कूड़ों के कारण सीवरेज और पुलियां जाम होती हैं। उधर पंजाब के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने भी दावा किया कि लुधियाना के हलका पश्चिम में कहीं पर भी जलभराव नहीं हुआ, लेकिन वीरवार की जमीनी हकीकत एवं नेताओं व कमिश्नर के दावे हास्यास्पद लगते हैं, जबकि उनके ही इलाके में माल रोड स्थित डिप्टी कमिश्नर का निवास पानी से लबालब हो गया था। 

चेतावनी के बावजूद सक्रिय नहीं हुआ निगम का अमला

मौसम विभाग ने पहले ही वीरवार को शहर में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी कर दी थी। बावजूद इसके नगर निगम का अमला सक्रिय नहीं हुआ। जब सुबह तेज बारिश के साथ ही हालात बदतर होने लगे तो विधायक, मेयर, निगम कमिश्नर समेत तमाम अधिकारी छतरियां लेकर सड़कों पर नजर आने लगे, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। बारिश का पानी शहर को अपनी गिरफ्त में ले चुका था। निकासी का पुख्ता इंतजाम न होने के कारण ही पानी ने सड़कों, घरों के अलावा जहां पर जगह मिली अपनी एंट्री कर ली।  

निगम कमिश्नर ने लोगों से की यह अपील

नगर निगम कमिश्नर कंवलप्रीत कौर बराड़ का कहना है कि देखने में आया है कि शहर में जगह-जगह रेहडिय़ों और स्टालें लगाने वाले लोग गली सड़ी सब्जियां, पुराने कपड़े, दुकानदार पुराना समान आदि नालियों आदि में फेंक देते हैं, जिसके चलते बारिश आने पर पुलियों के नीचे जाम लग जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह अपने आस-पास और गलियों नालियों को गंदा ना रखें और न ही पुराना समान आदि नालियों में डालें।

आशु बोले, समस्या का किया जा रहा स्थायी समाधान

कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने यह दावा किया कि बारिश के उपरांत सराभा नगर, मॉडल ग्राम, बीआरएस नगर, एसबीएस नगर, राजगुरु नगर और अन्य 99 फीसद क्षेत्रों में बारिश के पानी की मार नहीं पड़ी। यदि कहीं थोड़ी बहुत दिक्कत आई तो वहां पानी मिनटों में ही निकल गया। आशु ने कहा कि माल रोड, घुमार मंडी, सराभा नगर, सुनेत की मुख्य सड़क, राजगुरु नगर समेत कुछ जगहों पर पानी जमा होने के बारे में पता चला था। इस समस्या का भी स्थायी समाधान किया जा रहा है।

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