'नेताओं के पास एक-दूसरे के ऊपर कीचड़ फेंकने के अलावा कोई मुद्दा नहीं'
लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। गली मोहल्ले से लेकर खेत खलिहान तक जहां चार से अधिक लोग बैठते हैं वहां लोकसभा चुनाव की चर्चा होने लगती है।
By Edited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 03:33 PM (IST)
बिंदु उप्पल, जगराओं। लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। गली मोहल्ले से लेकर खेत खलिहान तक जहां चार से अधिक लोग बैठते हैं, वहां लोकसभा चुनाव की चर्चा होने लगती है। खासकर गांव की चौपाल में किसान जब जमा होते हैं तो उनके बीच अलग-अलग पार्टी के उम्मीदवारों पर भी खूब चर्चा होती है। दैनिक जागरण टीम गांव अगवाड़ राहलां की चौपाल में शाम करीब पांच बजे पहुंची तो वहां कुछ ग्रामीण बातचीत कर रहे थे।
जब उनसे चुनाव पर चर्चा छेड़ी गई तो उनका कहना था कि नेताओं के पास कोई मुद्दा ही नहीं है। वह तो सिर्फ एक-दूसरे के ऊपर कीचड़ उछालने में लगे हैं। न उन्हें विकास की चिंता है और न ही किसानों की। ग्रामीणों का कहना है कि अब लोगों की डोर वाहेगुरु के हाथ में है, क्योंकि अभी तक इतनी उम्र बीतने के बाद भी वैसी ही स्थिति में जी रहे हैं जैसे पहले थे, क्योंकि किसी भी पार्टी ने जनता के हित में कोई काम नहीं किया। किसानों से बातचीत के दौरान उनकी राय कुछ इस प्रकार रही।
आज का पंजाब खत्म होने की कगार पर
सिकंदर गांव अगवाड़ राहलां निवासी सिकंदर सिंह ने कहा कि मेरी उम्र 70 से अधिक हो गई है और अभी तक जितनी भी राजनीतिक पार्टियां आई, किसी के पास कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। वे केवल एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं। आज हालात ये हैं कि देश का सबसे खुशहाल माने जाने वाला पंजाब खत्म होने की कगार पर है।
राजनीतिक पार्टियां केवल वोटें लेती हैं: बलबीर सिंह
गांव वासी बलवीर सिंह ने कहा कि जब भी चुनाव आते हैं तो उम्मीदवार अपने पक्ष में वोट करने की अपील करने आते हैं। जब वे चुनाव जीत जाते हैं तो जनता की सुध नहीं लेते हैं।
कोई नेता शिक्षा पर बात नहीं करता : रूपिंदर
गांव के ही रुपिंदर ने आज की राजनीति जीरो हो चुकी है, क्योंकि राजनीतिक ने देश में शिक्षा के सिस्टम को खत्म कर दिया है। कोई भी नेता शिक्षा पर बात नहीं करता। बेरोजगार नौजवान गलत रास्ते पर जा रहा है।
सरकारें किसानों के लिए आंखें मूंदे बैठी: निर्मल
गांव वासी निर्मल सिंह ने कहा कि सरकार चाहे कोई भी हो लेकिन सभी जमींदारों व किसानों के लिए आंखें मूंदे बैठी है। किसी भी सरकार ने गेहूं, धान के अलावा किसी अन्य फसल का मंडीकरण नहीं किया।
खेतीबाड़ी घाटे का सौदा बन चुकी : सुखबीर सिंह
किसान सुखबीर सिंह ने कहा कि पूरी उम्र हो गई खेती करते, लेकिन अभी तक किसी भी सरकार ने फसलों का समर्थन मूल्य निश्चित नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार खत्म वादे खत्म। अगली सरकार बनाओ, उम्मीद जगाओ पर जनता जी रही है।
नालियां व टूटी सड़कों में जी रहे: गुरचरण सिंह
गुरचरण सिंह पूर्व सरपंच ने कहा कि आज के नेता बस एक-दूसरे को नीचा दिखाते है। मेरी इतनी उम्र बीत गई लेकिन अभी तक गंदी गलियां, नालियां व टूटी सड़कों में जिंदगी जीने पर मजबूर है। किसी भी नेता ने गांव की सुध नही ली है।
प्रधानमंत्री तो दूर एमएलए तक नहीं लेते सुध: अजमेर
अजमेर सिंह का कहना है प्रधानमंत्री तो दूर, जिस नेता को वोट देकर अपना एमएलए चुनते हैं वो भी गांवों की सुध नहीं लेते। जगराओं की बात करें तो अभी तक यहां की सरकार से कूड़े का डंप का मुद्दा ही खत्म नहीं हुआ है।
सरकारों के पास जनता के लिए मुद्दा नहीं: अवतार
अवतार सिंह ने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास जनता के लिए कोई विकास का मुद्दा नही है। चुनाव में खड़े उम्मीदवार अपने साथ दिखावा करने के लिए पैसों से लोगों की भीड़ जुटाकर रैलियां करते हैं। जब चुनाव जीत जाते हैं तो फिर हाथ जोड़ कर कहते हैं कि सरकार ने विकास के लिए फंड नहीं दिया।
जब उनसे चुनाव पर चर्चा छेड़ी गई तो उनका कहना था कि नेताओं के पास कोई मुद्दा ही नहीं है। वह तो सिर्फ एक-दूसरे के ऊपर कीचड़ उछालने में लगे हैं। न उन्हें विकास की चिंता है और न ही किसानों की। ग्रामीणों का कहना है कि अब लोगों की डोर वाहेगुरु के हाथ में है, क्योंकि अभी तक इतनी उम्र बीतने के बाद भी वैसी ही स्थिति में जी रहे हैं जैसे पहले थे, क्योंकि किसी भी पार्टी ने जनता के हित में कोई काम नहीं किया। किसानों से बातचीत के दौरान उनकी राय कुछ इस प्रकार रही।
आज का पंजाब खत्म होने की कगार पर
सिकंदर गांव अगवाड़ राहलां निवासी सिकंदर सिंह ने कहा कि मेरी उम्र 70 से अधिक हो गई है और अभी तक जितनी भी राजनीतिक पार्टियां आई, किसी के पास कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। वे केवल एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं। आज हालात ये हैं कि देश का सबसे खुशहाल माने जाने वाला पंजाब खत्म होने की कगार पर है।
राजनीतिक पार्टियां केवल वोटें लेती हैं: बलबीर सिंह
गांव वासी बलवीर सिंह ने कहा कि जब भी चुनाव आते हैं तो उम्मीदवार अपने पक्ष में वोट करने की अपील करने आते हैं। जब वे चुनाव जीत जाते हैं तो जनता की सुध नहीं लेते हैं।
कोई नेता शिक्षा पर बात नहीं करता : रूपिंदर
गांव के ही रुपिंदर ने आज की राजनीति जीरो हो चुकी है, क्योंकि राजनीतिक ने देश में शिक्षा के सिस्टम को खत्म कर दिया है। कोई भी नेता शिक्षा पर बात नहीं करता। बेरोजगार नौजवान गलत रास्ते पर जा रहा है।
सरकारें किसानों के लिए आंखें मूंदे बैठी: निर्मल
गांव वासी निर्मल सिंह ने कहा कि सरकार चाहे कोई भी हो लेकिन सभी जमींदारों व किसानों के लिए आंखें मूंदे बैठी है। किसी भी सरकार ने गेहूं, धान के अलावा किसी अन्य फसल का मंडीकरण नहीं किया।
खेतीबाड़ी घाटे का सौदा बन चुकी : सुखबीर सिंह
किसान सुखबीर सिंह ने कहा कि पूरी उम्र हो गई खेती करते, लेकिन अभी तक किसी भी सरकार ने फसलों का समर्थन मूल्य निश्चित नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार खत्म वादे खत्म। अगली सरकार बनाओ, उम्मीद जगाओ पर जनता जी रही है।
नालियां व टूटी सड़कों में जी रहे: गुरचरण सिंह
गुरचरण सिंह पूर्व सरपंच ने कहा कि आज के नेता बस एक-दूसरे को नीचा दिखाते है। मेरी इतनी उम्र बीत गई लेकिन अभी तक गंदी गलियां, नालियां व टूटी सड़कों में जिंदगी जीने पर मजबूर है। किसी भी नेता ने गांव की सुध नही ली है।
प्रधानमंत्री तो दूर एमएलए तक नहीं लेते सुध: अजमेर
अजमेर सिंह का कहना है प्रधानमंत्री तो दूर, जिस नेता को वोट देकर अपना एमएलए चुनते हैं वो भी गांवों की सुध नहीं लेते। जगराओं की बात करें तो अभी तक यहां की सरकार से कूड़े का डंप का मुद्दा ही खत्म नहीं हुआ है।
सरकारों के पास जनता के लिए मुद्दा नहीं: अवतार
अवतार सिंह ने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के पास जनता के लिए कोई विकास का मुद्दा नही है। चुनाव में खड़े उम्मीदवार अपने साथ दिखावा करने के लिए पैसों से लोगों की भीड़ जुटाकर रैलियां करते हैं। जब चुनाव जीत जाते हैं तो फिर हाथ जोड़ कर कहते हैं कि सरकार ने विकास के लिए फंड नहीं दिया।
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