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चार साल के कार्यकाल में डॉ. एएस नंदा ने वेटरनरी यूनिवर्सिटी को विश्व स्तर पर पहुंचाया

गुरु अंगद देव वेटनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. अमरजीत नंदा का कार्यकाल समाप्त हो गया।

By Edited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 02:39 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 10:08 AM (IST)
चार साल के कार्यकाल में डॉ. एएस नंदा ने वेटरनरी यूनिवर्सिटी को विश्व स्तर पर पहुंचाया
चार साल के कार्यकाल में डॉ. एएस नंदा ने वेटरनरी यूनिवर्सिटी को विश्व स्तर पर पहुंचाया

लुधियाना, जेएनएन। गुरु अंगद देव वेटनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (गडवासू) के तीसरे वाइस चांसलर डॉ. अमरजीत सिंह नंदा का कार्यकाल समाप्त हो गया। 67 वर्षीय डॉ. नंदा ने चार साल में पंजाब की इस महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई। वर्ष 2015 में गडवासू की कमान संभालने वाले डॉ. नंदा का कार्यकाल वैसे तो पिछले साल ही समाप्त हो गया था, लेकिन नए वीसी का चयन करने तक उन्हें यूनिवर्सिटी का कार्यकारी वीसी नियुक्त किया गया।

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डॉ. नंदा ने रिसर्च, एकेडमिक और एक्सटेंशन डिलीवरी के मार्फत व्हाइट एंड ब्लू रेवेन्यूशन को मुकाम तक पहुंचाने के लिए बेहतरीन कार्य किया। नंदा ने यूनिवर्सिटी की नई इमारतों और मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों के जरिए पंजाब में एनिमल हसबेंडरी के क्षेत्र को नया आयाम दिया। सरकार के साथ अच्छे संबंध होने पर नंदा ने हजारों किसानों को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

डॉ. नंदा के नेतृत्व में वर्ष 2018 में दि इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आइसीएआर) की रैंकिंग में जहां वेटरनरी यूनिवर्सिटी को राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में पहला स्थान प्राप्त हुआ था, वहीं आइसीएआर के अंतर्गत आती सभी संस्थाओं में तीसरा स्थान प्राप्त किया। वर्ष 2017 में आइसीएआर के अंतर्गत आती सभी संस्थाओं की रैंकिंग में यूनिवर्सिटी ने नौवां स्थान हासिल किया था। यूनिवर्सिटी को यह शानदार रैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, फैकल्टी स्ट्रेंथ, रिसर्च प्रोजेक्ट, स्टूडेंट अचीवमेंट, रिसर्च पब्लिकेशन व फैकल्टी को फैलोशिप की बदौलत मिली थी।

यही नहीं, यूनिवर्सिटी को 2016-17 के दौरान स्टेट खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटियों में देश भर में पहले और भारतीय खेती रिसर्च परिषद की कुल भारतीय संस्थाओं में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था। उनके नेतृत्व में भारतीय खेती रिसर्च परिषद की तरफ से स्वच्छता पखवाड़े के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, तरनतारन को 680 कृषि विज्ञान केंद्रों में तीसरा स्थान प्राप्त हो चुका है।

यूनिवर्सिटी की यह शानदार रैंकिंग

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, फैकल्टी स्ट्रेंथ, रिसर्च प्रोजेक्ट, स्टूडेंट अचीवमेंट, रिसर्च पब्लिकेशन व फैकल्टी को फैलोशिप की बदौलत मिली है। खासबात यह रही कि डॉ. नंदा के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी ने यह तमाम उपलब्धियां स्टाफ की अत्यधिक कर्मी के बावजूद हासिल कीं। यूनिवर्सिटी पिछले कई वर्षो से पचास प्रतिशत स्टाफ की शॉर्टेज के बीच काम चल रहा है। कॉलेज ऑफ वेटरनरी साइंस, फिशरी कॉलेज व डेयरी कॉलेज में पचास प्रतिशत स्टाफ की शॉर्टेज है, जबकि नॉन टीचिंग स्टाफ भी यूनिवर्सिटी में चालीस प्रतिशत से भी कम है। हर साल बजट को छोड़कर उन्हें कोई अन्य मदद नहीं मिलती। रिसर्च प्रोजेक्टों के जरिए फैकल्टी काम कर रही है। यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 88 से अधिक रिसर्च प्रोजेक्ट चल रहे हैं। डॉ. नंदा को कॉलेज ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी और पशुओं के इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस विशेष अस्पताल शुरू करवाने का श्रेय भी जाता है।

सरकार से लेकर तमाम स्टाफ कर्मियों का आभारी हूं मैं पंजाब सरकार का आभारी हूं, जिन्होंने इस यूनिवर्सिटी की सेवा का मौका दिया। अपने कार्यकाल में यूनिवर्सिटी को शिखर तक ले जाने के लिए हरसंभव प्रयास किए और इस दौरान कई गौरवशाली उपलब्धियां यूनिवर्सिटी ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हासिल कीं। इन उपलब्धियों में यूनिवर्सिटी के प्रत्येक स्टाफ का योगदान रहा। भले वह टीचिंग हो या नॉन टीचिंग। हर स्टाफ ने अपना बहुमूल्य योगदान दिया। -डॉ. अमरजीत ¨सह नंदा


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