परिवार के चार सदस्य मूक-बधिर, मदद की उम्मीद
यूपी से आकर पंजाब में बसे परिवार के चार लोग मूक-बधिर हैं। परिवार ने संस्थाओं से मदद की अपील की है।
संवाद सहयोगी, समराला : उत्तरप्रदेश से पंजाब के समराला में आकर बसे एक परिवार में माता-पिता समेत दो बच्चों के मूक-बधिर होने से परिवार मुश्किल में है। हालांकि परिवार के छह बच्चों में से दो बोलने और सुनने में पूरी तरह से सक्षम हैं। जबकि दो बच्चे अभी बहुत छोटे हैं। ऐसे में सक्षम दो बच्चे ही अब पूरे परिवार की आवाज बन रहे हैं। यह कहानी उत्तरप्रदेश के जिला लखीमपुर से पंजाब के समराला में आकर बसे मुशर्रफ और उनकी पत्नी जहरुन की है। दोनों मूक बधिर हैं। इनके छह बच्चे हैं। जिनमें बेटी तुवसम (19) और तुस्नम (7) भी मूक बधिर हैं। वहीं बेटी अंजम (14) और बेटा सोहेल (12) बोलने और सुनने में सक्षम हैं। वहीं बेटी लाईवा (6) भी बोलने और सुनने में सक्षम है लेकिन छोटी होने के कारण वह परिवार की मदद नहीं कर पाती है। इसके अलावा सबसे छोटा बेटा साहिब (1) के बारे में माता-पिता को डर है कि कहीं वह भी मूक-बधिर ही न निकले। बेटी अंजम और बेटा सोहेल ही अब अपने पूरे परिवार के लिए आवाज बन रहे हैं। नीलों के पास ही स्थित एक फैक्ट्री में मुशर्रफ और उसकी पत्नी काम करती है। अपने बेटे सोहेल के माध्यम से मुशर्रफ ने इलाके की समाज सेवी संस्थाओं से अपील की है कि वह उनके परिवार की मदद करें। वहीं माता-पिता अपने बेटे सोहेल और बेटी अंजम को अपने छोटे भाई-बहनों से बात करने के लिए कहते हैं ताकि वह भी कहीं मूक-बधिर न बन जाएं। मजदूरी से पेट पालने वाले इस परिवार के पास ईलाज के लिए तो दूर डॉक्टरी परामर्श लेने के लिए भी पैसे नहीं हैं।