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स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार मिलें फसलों के दाम

जगराओं कुल हिद किसान मजदूर संघर्ष तालमेल कमेटी के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर जगराओं में किसान संगठनों ने बैठक की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 02:21 AM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 02:21 AM (IST)
स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार मिलें फसलों के दाम
स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार मिलें फसलों के दाम

जागरण टीम, जगराओं: कुल हिद किसान मजदूर संघर्ष तालमेल कमेटी के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर जगराओं में किसान संगठनों ने बैठक की। इस मौके किसान संगठनों के सदस्यों ने किसानी लहर के छह शहीदों, जोकि बीते दिनों मध्यप्रदेश के मंदसौर में पुलिस की गोली से लगने से शहीद हो गए थे, को दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि भेंट की गई। इस मौके किरती किसान यूनियन के जिला प्रधान तरलोचन सिंह झोरडां, सचिव साधु सिंह, भारतीय किसान यूनियन एकता डकोंदा के जिला प्रधान हरदीप सिंह गालिब, परवार सिंह, जमहूरी किसान सभा पंजाब के मास्टर महिदर सिंह और गुरमेल सिंह आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार फसलों के दाम स्वामीनाथन रिपोर्ट के अनुसार दे। किसानों के समूचे कर्ज को खत्म कर आगे बिना ब्याज पर कर्ज दिया जाए। इसके अलावा बिजली विभाग का निजीकरण बंद करने सहित बिजली एक्ट 2020 को भी रद्द किया जाए। कोरोना महामारी के चलते किसानों को दस हजार रुपये महीना उनके खाते में डाले जाएं और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि को बढ़ाकर 24000 प्रति वर्ष किया जाए। वहीं किसानों को बिजली सप्लाई भी 12 घंटे दी जाए। इस मौके पर जगरूप सिंह, बलविदर सिंह, गुरचरन सिंह, वीर सिंह, बेअंत सिंह और मास्टर में महिद्र सिंह कमालपुरा सहित अन्य किसान नेता भी उपस्थित थे।

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12 घंटे काम का समय बढ़ाना मजदूर विरोधी: सिद्धू समराला: पावरकॉम की इंप्लाइज फेडरेशन ने मुलाजिमों की मांगो की बहाली के लिए शिकायत घर के आगे झंडा फहराकर पॉवरकाम के किए जा रहे व्यापारीकरण पर नारेबाजी की। इस दौरान डिवीजन प्रधान रछपाल सिंह कुहाडा ने कहा कि जिस विभाग से हजारों मुलाजिमों को रोजगार मिला हुआ था, उसको कॉरपोरेशन मे तबदील करना गलत है। उन्होंने कहा कि पक्के मुलाजिमों के खाली पड़े पदों को न भरकर ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस मौके हरबंस सिंह सिद्धू व करमजीत सिंह मुशकाबाद ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने कम करने का समय 12 घंटे किया गया है, जो कि मजदूर विरोधी है। उन्होने कहा कि केंद्र ने जिस तरह किसानों की जमीनें छीनकर कलस्टर बनाने के मंसूबे बनाए हैं, इसमें पावरकॉम को भी मिलाया जा रहा है। इस कारण खेती सेक्टर में बिजली के बिल लगा दिए जाएगे और घरों की बिजली भी मंहगी होने के कारण पावरकॉम की पावर आम लोगों से दूर हो जाएगी। उन्होने कहा कि अगर सरकार ने बिजली एक्ट 2020 का फैसला जबरदस्ती लागू करने का प्रयास किया, तो मुलाजिम जत्थेबंदियां संघर्ष करेंगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

इस मौके इनके साथ गुरजीत सिंह, बलवीर सिंह, निरभय सिंह, ज्ञान सिंह व जेएस ढंडे आदि हाजिर थे।


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