दस साल से तस्करी कर रहे भगोड़े दो भाई तीन किलो दो सौ ग्राम हेरोइन के साथ पकड़े
पंजाब में हेरोइन की बड़ी मात्रा में तस्करी करने वाले दो भाई और उनकी पत्नियों को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है।
जासं, लुधियाना : पंजाब में हेरोइन की बड़ी मात्रा में तस्करी करने वाले दो भाई और उनकी पत्नियों को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है। आरोपित पिछले दस साल से हेरोइन की तस्करी कर रहे थे और कई मामलों में भगोड़े भी हैं। दोनों तस्करों की पत्नियां हेरोइन की डिलीवरी देने के लिए उनके साथ जाती थीं ताकि पुलिस को उन पर शक न हो।
उनकी पहचान ईश्वर नगर निवासी राज कुमार उर्फ राजू व उसकी पत्नी अंजलि और दुगरी में पड़ते गांव फुलांवाल निवासी अरुण कुमार उर्फ अनु व उसकी पत्नी हरप्रीत कौर के रूप में हुई है। दोनों भाई मूल रूप से कपूरथला स्थित मोहल्ला राएके के रहने वाले हैं। एसटीएफ के एआइजी स्नेहदीप शर्मा ने बताया कि आरोपित राजू और अनु के खिलाफ कपूरथला के थाना सिटी में हत्या के प्रयास, लड़ाई झगड़े, लूट की साजिश रचने, नशा तस्करी समेत कुल छह मामले दर्ज हैं। अनु से पहले भी दो किलो हेरोइन मिल चुकी है। दोनों आरोपित पत्नियों के साथ फॉर्च्यूनर कार में सवार होकर हेरोइन की तस्करी करने जा रहे थे। एसटीएफ टीम ने ईश्वर नगर इलाके से चारों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से तीन किलो दो सौ ग्राम हेरोइन, 60 हजार रुपये ड्रग मनी, एक देसी पिस्तौल, चार मैगजिन, 13 जिदा कारतूस और फॉर्च्यूनर गाड़ी बरामद की। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ करनी शुरू कर दी है। पकड़े न जाएं इसलिए लुधियाना में कोठी खरीद रहने लगे थे
दोनों भाई राजू और अनु के खिलाफ नशा तस्करी समेत करीब छह मामले दर्ज हैं। आरोपित कई मामलों में काफी देर से भगोड़ा चल रहे थे। आरोपित कपूरथला छोड़ने के बाद लुधियाना आ गए और यहां कोठी खरीद कर रहने लगे। प्रारंभिक पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि हेरोइन की तस्करी कर उन्होंने तीन कोठियां और फॉर्च्यूनर कार खरीदी थी। पुलिस अब इनका नेटवर्क खंगालेगी। नाइजीरियन और अमृतसर के गैंगस्टर माणा से खरीदते थे नशा
दोनों आरोपित दस साल से हेरोइन की तस्करी कर रहे थे। दोनों दिल्ली के एक नाइजीरियन और अमृतसर के गैंगस्टर माणा से हेरोइन खरीदते थे। उसके बाद उसी हेरोइन को महंगे दाम में बेचते थे। दोनों तस्करों की पत्नियां हेरोइन की डिलीवरी देने के लिए उनके साथ जाती थीं ताकि पुलिस को उन पर शक न हो। आरोपितों ने उत्तर प्रदेश से 30 हजार रुपये में देसी पिस्तौल व कारतूस खरीदे थे।