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दहेड़ू में 32 भैंसों की रहस्यमयी मौत पर जायजा लेने पहुंचे मंत्री बाजवा

खन्ना के पास गांव दहेड़ू के किसान राजिदर पाल सिंह के डेयरी फार्म की 32 भैंसें पिछले कुछ दिनों में रहस्यमयी तरीके से मर गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 07:44 AM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 07:44 AM (IST)
दहेड़ू में 32 भैंसों की रहस्यमयी मौत पर जायजा लेने पहुंचे मंत्री बाजवा
दहेड़ू में 32 भैंसों की रहस्यमयी मौत पर जायजा लेने पहुंचे मंत्री बाजवा

जासं, खन्ना : खन्ना के पास गांव दहेड़ू के किसान राजिदर पाल सिंह के डेयरी फार्म की 32 भैंसें पिछले कुछ दिनों में रहस्यमयी तरीके से मर गई। इसकी सूचना मिलने पर पंचायत, पशु पालन व डेयरी विकास मंत्री तृप्त राजिदर सिंह बाजवा वीरवार को अस्पताल में पहुंचे। उन्होंने जायजा लिया और किसानों व डाक्टरों से इस बारे में बातचीत की। बाजवा किसान से बातचीत कर ही रहे थे कि उसी समय एक और भैंस की मौत हो गई।

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राजिदर सिंह ने बताया कि उसके डेयरी फार्म में करीब 500 गाय-भैंस हैं। पिछले दिनों एक नामी कैटल फीड इस्तेमाल की गई। इस फीड के खाने से ही 32 भैंसों की मौत हुई है। इससे उनका करीब 55 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। बाजवा ने कहा कि वे किसान के आर्थिक नुकसान की भरपाई के संबंध में मुख्यमंत्री से बात करेंगे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता लगेगा।

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फीड के सैंपल लेकर लैब में भेजे

मौके पर पहुंचे डॉ. आदर्श पाल सिंह की निगरानी में वेटरनरी डॉक्टरों की टीम पशुओं का इलाज कर रही है। टीम में डॉ. गगनदीप कौशल बीजा, डॉ. सुखजिदर सिंह, भारत जय चोपड़ा और डॉ. अमनदीप वशिष्ट शामिल थे। प्राथमिक जांच के बाद डॉक्टरों ने कहा कि फीड में कुछ केमिकल ज्यादा अथवा जहरीले होने के कारण इन पशुओं की मौत हुई है। अन्य बीमार पशुओं का इलाज जारी है। फीड के सैंपल लेकर लैब में भेज दिए गए हैं और मृतक पशुओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आनी बाकी है।

हमदर्दी नहीं आर्थिक मदद की जरूरत

डेयरी फार्म मालिक राजिदर पाल सिंह और उनके बेटे अरुणदीप सिंह ने कहा कि उनका फार्म हाउस आधुनिक तकनीक से लैस है। इसमें डॉक्टरों द्वारा समय-समय पर वैक्सीनेशन भई की जाती है। सरकार शराब पीने से हुई मौतें पर नकद मुआव•ा और नौकरी का ऐलान कर रही है, लेकिन उनकी मदद का कोई एलान नहीं किया गया। बीमा कंपनी वाले भी क्लेम देने से हिचकिचा रहे हैं। उन्हें इस समय हमदर्दी की नहीं, बल्कि आर्थिक मदद की जरूरत है।


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