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पंजाब सरकार के फैसले से इंडस्ट्री में मचा हड़कंप, अब मनमाना किराया वसूल सकेंगे ट्रांसपाेर्टर; जानें मामला

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इंडस्ट्री को राहत देने के लिए पंजाब की ट्रक यूनियनाें को भंग किया था। लेकिन अब एक बार फिर यूनियनों की नोटिफिकेशन जारी होने से उद्योगों के लिए माल भाड़ा महंगा हो जाएगा।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 12:16 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 02:00 PM (IST)
पंजाब सरकार के फैसले से इंडस्ट्री में मचा हड़कंप, अब मनमाना किराया वसूल सकेंगे ट्रांसपाेर्टर; जानें मामला
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इंडस्ट्री को राहत देने के लिए पंजाब की ट्रक यूनियनाें को भंग किया था। (सांकेतिक तस्वीर)

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। पंजाब सरकार की ओर से ट्रांसपोर्टरों के वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए ट्रक यूनियनों को दोबारा बहाल करने के नोटिफिकेशन पर इंडस्ट्री ने तीखी प्रतिक्रिया जारी की है। उद्योगपतियों का कहना है कि बड़ी मुश्किल से ही पंजाब में ट्रांसपोर्ट के दाम नियंत्रण में आए थे। लेकिन कांग्रेस ने चुनाव के दौरान इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। अब ट्रक यूनियनों की ओर से मनमाने किराये वसूल किए जाएंगे, जिससे महंगाई का असर आम आदमी की जेब पर भी पड़ेगा।

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गाैरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इंडस्ट्री को राहत देने के लिए पंजाब की ट्रक यूनियनाें को भंग किया था। लेकिन अब एक बार फिर यूनियनों की नोटिफिकेशन जारी होने से उद्योगों के लिए माल भाड़ा महंगा हो जाएगा। पंजाब की इंडस्ट्री पोर्ट से दूर होने के चलते कच्चा माल लाने से लेकर दूसरे राज्यों और विदेश में माल भेजने तक ट्रांसपोर्ट की भूमिका अहम रहती है। ऐसे में अब यूनियन बन जाने से जहां इंडस्ट्री को महंगे भाड़े देकर माल मंगवाना और भेजना पड़ेगा। वहीं ट्रांसपोर्टरों की यूनियन के चलते मनमर्जी का सामना भी करना पड़ेगा।

फास्टनर मैन्यूफैक्चरर एसोसिएशन के प्रधान नरिंदर भमरा के मुताबिक सरकार का यह फैसला इंडस्ट्री को तबाह करने वाला है। इंडस्ट्री पहले ही दूसरे राज्यों से कच्चे माल को लाकर बिक्री के लिए भी दूसरे राज्यों में भेजती है। यूनियन बन जाने से ट्रांसपोर्टर पहले की तरह मनमर्जी के किराए वसूलेंगे और इसका फैक्ट सीधे तौर पर आम आदमी की जेब पर महंगे उत्पादों के रूप में देखने को मिलेगा।

लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष राजीव जैन के मुताबिक सरकार के इस फैसले की वह कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। सरकार को विचार करना चाहिए था कि एक सेगमेंट के वोट बैंक के लिए पूरे पंजाब की आर्थिक स्थिति को बर्बाद करने का फैसला लिया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री का प्रमुख अंग है, इसमें मनमाने ढंग से काम होने से जहां महंगाई बढ़ेगी वहीं काम करने के तौर-तरीकों में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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