गर्मियों के परिधानों की प्रोडक्शन जोरों पर, इस बार महंगे होंगे गारमेंट्स; जानिए इसके पीछे का कारण
लुधियाना की गारमेट्स इंडस्ट्री में इन दिनों गर्मियों के परिधानों की प्रोडक्शन तेज हो गई है। फरवरी माह की शुरुआत से डिस्पैचिंग का काम तेजी पकड़ लेगा। लेकिन इस साल ग्राहकों को गर्मियों के परिधानों के लिए पिछले साल की तुलना में अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
लुधियाना [मुनीश शर्मा]। सर्दियों के परिधानों की सेल पर उतरी गारमेट्स इंडस्ट्री में इन दिनों गर्मियों के परिधानों की प्रोडक्शन तेज हो गई है। कई कंपनियों की ओर से तो बकायदा इसके लिए डिस्पैचिंग भी आरंभ कर दी है। इस साल बेहतर रंगे के साथ साथ नए तरह के फैब्रिक मार्केट में देखने को मिलेंगे। फरवरी माह की शुरुआत से डिस्पैचिंग का काम तेजी पकड़ लेगा। लेकिन इस साल ग्राहकों को गर्मियों के परिधानों के लिए पिछले साल की तुलना में अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे। इसके पीछे मुख्य वजह कच्चे माल के दामों और कॉटन में हुई बढ़ोतरी के साथ साथ डाइंग के दामों में हुआ इजाफा है। ऐसे में इस साल दामों में दस से पंद्रह प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
निटवियर क्लब के प्रधान दर्शन डावर के मुताबिक गारमेंट्स इंडस्ट्री में लागत में तेजी से इजाफा हो रहा है, काटन के दामों में इस साल भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही पिछले एक साल से डाइज एवं कैमिकल के दामों में उछाल का सिलसिला जारी है। इसके चलते डाइंग काफी महंगी हो गई है। कई रंगो की शार्टेज ने इनकी डाइंग के दाम दो गुणा तक कर दिए है। इसकी वजह से इस साल दामों में इजाफा होगा। निटवियर एवं टैक्सटाइल क्लब के प्रधान विनोद थापर के मुताबिक गारमेंट्स इंडस्ट्री में डिमांड कम होने के बावजूद भी बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है।
इस समय इंडस्ट्री को विंटर का स्टाक क्लीयर होने की उम्मीद थी। लेकिन सेल लगने के बावजूद इस साल काफी स्टाक बच गया है। ऐसे में अब उम्मीदें गर्मियों के परिधानों से हैं। लेकिन इसके कच्चे माल के दामों में हो रहा इजाफा अच्छे संकेत नहीं है। काटन के साथ साथ पोवलिस्टर यार्न भी पंद्रह से बीस प्रतिशत महंगा हो चुका है। ऐसे में इसके दामों में इजाफा हो जाएगा। अगले माह से डिस्पैचिंग आरंभ हो जाएगी। इस समय इंडस्ट्री गर्मियों के परिधानों की प्रोडक्शन में जुट गई है।