गुरु की गाथा का गुणगान कर Youtube पर छाए गुरु, लुधियाना के कर्मजीत ने गुरु तेगबहादुर के जीवन को गीतों में पिरोया
लुधियाना जिले का एक शिक्षक सबके लिए प्रेरणा बन गया है। कर्मजीत और भी कई गीत लिख चुके हैं। राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में भी विद्यार्थी उनके गीत गा रहे हैं।
लुधियाना, [राजेश भट्ट]। कोरोना काल में शिक्षक व बच्चे क्लास रूम से दूर हो गए हैं। बच्चों से खेल का मैदान भी छूट गया है। ऑनलाइन स्टडी पर जोर है, लेकिन इससे यह खतरा लगातार बना हुआ है कि बच्चे मानसिक अवसाद से ग्रस्त न हो जाएं। इस खतरे को दूर करने के लिए लुधियाना के सरकारी हाई स्कूल खेड़ी चमेड़ी के पंजाबी शिक्षक कर्मजीत सिंह पढ़ाई के तरीके को रोचक बना रहे हैं।
कर्मजीत ने सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेगबहादुर जी के जीवन को अपने गीतों में पिरोया और उन्हेंं विद्यार्थियों तक पहुंचाया। सिलेबस का हिस्सा होने के कारण छात्राें को उनके इस प्रयास से बहुत फायदा हुआ है। वे गुरु तेगबहादुर जी के जीवन से रूबरू तो हुए ही, ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में इन गीतों को गाकर उन्होंने ब्लॉक स्तर से लेकर राज्यस्तरीय प्रतियोगिताएं भी जीतीं। कर्मजीत ने यह चारों गीत खुद लिखे हैं। उन्होंने पहले इन्हेंं खुद गाया और फिर बच्चों के साथ गाकर इनके वीडियो यूट्यूब पर अपलोड किए।
शिक्षक कर्मजीत सिंह बच्चों के साथ।
कर्मजीत सिंह ने पहले गीत में गुरु तेगबहादुर जी का जीवन परिचय दिया है। दूसरे गीत में श्री गुरु ग्रंथ साहिब में गुरु जी की बाणी से जुड़े प्रसंगों को बताया है। तीसरे गीत में उन्होंने गुरु जी और उनके साथ शहीद हुए सिंहों की कुर्बानी का शौर्यगान किया है। चौथे गीत में उन्होंने मक्खन शाह लुबाणा द्वारा गुरुजी को ढूंढऩे के प्रसंग को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया है। इन चार गीतों में गुरु तेगबहादुर जी के जीवन की सभी घटनाओं को संक्षेप में पिरोया गया है।
कर्मजीत सिंह कहते हैं, इन चार गीतों से बच्चों को सिख इतिहास में गुरु तेगबहादुर जी की महत्ता का पता चला है। यह छात्राें के सिलेबस का हिस्सा भी है। गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व अगले साल अप्रैल में आ रहा है। इसलिए मेरा उद्देश्य यही है कि श्री गुरु तेग बहादुर जी की शौर्यगाथा गीतों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचे।
दाखिला बढ़ाने के लिए भी गीत गा चुके हैं कर्मजीत
कर्मजीत सिंह प्रतिभा के धनी हैं। वह पहले भी कई गीत गा चुके हैं। वह अपने ज्यादातर गीत बच्चों के लिए लिखते हैं, जो कि उनके सर्वांगीण विकास में मददगार होते हैं। उन्होंने सरकारी स्कूलों में दाखिला बढ़ाने की मुहिम को बल देने के लिए भी एक गीत लिखा, जिसमें सरकारी स्कूलों के स्मार्ट स्कूल बनने के सफर को बताया गया है। इसके अलावा वह बच्चों के लिए किताबें भी लिखते हैं। 2005 में उन्हेंंं सर्वोत्तम बाल पुस्तक लिखने का अवॉर्ड भी मिल चुका है। कर्मजीत फेसबुक व यूट्यूब का जमकर इस्तेमाल करते हैं, ताकि उनकी रचनाएं सिर्फ सभी बच्चों के पास पहुंचे।
ये अवार्ड मिले हैं
-नेशनल टीचर अवॉर्ड 2013
-स्टेट टीचर अवॉर्ड 2009
-सर्वोत्तम बाल पुस्तक अवॉर्ड 2005
यूट्यूब पर पसंद किए जा रहे ये गीत
-धन-धन सतगुरु सतगुरु तेगबहादुर धन कीती कुर्बानी जी...। (यूट्यूब पर 16 हजार व्यूज)
-गुरु तेगबहादुर हिंद की चादर... प्रकाश पर्व नू होए चार सौ साल...। (यूट्यूब पर 23 हजार व्यू)
-जाके दिल्ली विच शीश कटवोण वालया... (यूट्यूब पर 21 हजार)
-कीती सच्चे दिलों फरियाद...। (यूट्यूब पर 11 हजार व्यू)