अस्पतालों में मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने के नाम पर गोरखधंधा
शहर में इन दिनों डेंगू मरीजों से अस्पताल फुल हैं।
जासं, लुधियाना : शहर में इन दिनों डेंगू मरीजों से अस्पताल फुल हैं। वही मरीजों के लिए प्लेटलेट का इंतजाम करने के लिए परिजनों में मारामारी बनी हुई है। वे प्लेटलेट्स के लिए रक्तदानी संस्थाओं से संपर्क कर रहे हैं।
इसके बीच मरीजों को प्लेटलेट्स मुहैया करा रही संस्था भाई घनैया जी मिशन सेवा सोसायटी के मुख्य सेवादार तरनजीत सिंह ने शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार बग्गा से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पतालों में मरीजों को दाखिल करने और प्लेटलेट्स चढ़ाने के नाम पर गोरखधंधा चल रहा है। तिरनजीत ने बताया कि उनके पास इन दिनों दिन-रात आरडीपी और एसडीपी सेल की डिमांड के लिए मरीजों के परिजनों के कॉल आ रहे हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर मामलों में वह जब पता करते हैं तो सामने आता है कि मरीज को आरडीपी या एसडीपी की जरूरत ही नहीं बल्कि डॉक्टर उन्हें बेवजह परेशान कर रही हैं।
तरनजीत ने कहा कि डेंगू मरीजों को आरडीपी चढ़ाने की कोई जरूरत नहीं होती क्योंकि इसमें 4 से 5 हजार सल ही मिल पाते हैं जबकि एसडीपी सेल भी उन्हीं मरीजों को चढ़ाने की जरूरत होती है, जिनके सेल 10 हजार से नीचे हो या उनके ब्लीडिग हो रही हो जबकि प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर उन मरीजों के अटेंडेंट्स से भी एसडीपी डोनर मांग रहे हैं जिनके सेल 20 से 50 हजार के बीच हैं और उनके कोई ब्लीडिग भी नहीं हो रही। उन्होंने सिविल सर्जन से मांग की कि वे अस्पतालों पर लगाम कसे और मरीजों को हो रही इस लूट व परेशानी से छुटकारा दिलाएं। मामले की जांच करवाएंगे: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा ने कहा कि वह पूरे मामले की जांच करवाएंगे। सिविल सर्जन ने कहा कि डेंगू के 98 फीसद मरीज बिना दाखिले के घर पर ही 5 से 7 दिन आराम करने से ठीक हो जाते हैं। उन्होंने डॉक्टरों को मरीजों को बेवजह आरडीपी चढ़ाने से भी गुरेज करने के निर्देश दिए और ब्लीडिग केस में ही एसडीपी चढ़ाने को कहा।