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शराब व तंबाकू उत्पाद की दुकानें बंद, बदल रहे बरसों की पुरानी आदतें

लॉकडाउन और क‌र्फ्यू के दौरान पान बीड़ी सिगरेट और शराब की दुकानें पूरी तरह बंद हैं। उनके आदी हो चुके लोगों के लिए यह दौर किसी संकट से कम नहीं है। उक्त पदार्थों की पूर्ति के लिए बहुत सारे लोगों ने अपने सभी हथकंडे अपनाए।

By Edited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 05:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 05:00 AM (IST)
शराब व तंबाकू उत्पाद की दुकानें बंद, बदल रहे बरसों की पुरानी आदतें
शराब व तंबाकू उत्पाद की दुकानें बंद, बदल रहे बरसों की पुरानी आदतें

राजन कैंथ, लुधियाना : क‌र्फ्यू के दौरान पान, बीड़ी, सिगरेट और शराब की दुकानें पूरी तरह बंद हैं। उनके आदी हो चुके लोगों के लिए यह दौर किसी संकट से कम नहीं है। पिछले सवा महीने से लगातार घर में रहने के बाद बहुत से ऐसे लोग निकल कर आए। जिन्होंने अपनी आदतों में बदलाव किया। किसी ने मजबूरी और किसी ने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर बरसों पुरानी आदत को छोड़ने की ठान ली। जिससे उनके परिजन भी खुश हैं। हैबोवाल निवासी एचएल धीमान पिछले 30 साल से शराब और धुम्रपान कर रहे हैं। मगर क‌र्फ्यू के दौरान उन दोनों वस्तुओं के न मिलने से उनकी आदत से छुटकारा मिल गया। उन्होंने बताया कि शुरूआती दिनों में अवैध रूप से बिक रही महंगी शराब पीकर कुछ दिन निकाले। मगर जब खर्चा बढ़ने लगा तो एक दिन दोनों नशों को त्यागने का विचार कर लिया। एक सप्ताह तक काफी परेशान रहे। मगर उसके बाद अब 25 दिन हो चुके हैं, उन्होंने पीछे मुड़ कर भी नहीं देखा। दुगरी निवासी विशाल ने बताया कि वो 20 साल से सिग्रेट और शराब का सेवन कर रहे हैं। 21 मार्च को क‌र्फ्यू के दिन उन्हें अंदाजा न था कि अगले दिन एक दम से लॉकडाउन होगा और उन्हें दोनों में से कोई चीज नहीं मिलेगी। अब दुकानों का खुलना मुश्किल है तो उन्होंने दोनों नशों को छोड़ने की ठान ली। जब कभी वो शराब और सिग्रेट की बात करते तो बच्चे उन्हें अपने साथ खेल में लगा कर उनका मन बदल देते। बहुत कम कर दिया है पान मसाला खाना बीआरएस नगर निवासी बिजनेसमैन बताते हैं वो लंबे समय से शराब पीने के साथ पान मसाला खाते आ रहे हैं। मगर लॉकडाउन होते ही दोनों चीजों के दाम आसमान को छूने लग गए। दुकानें बंद हैं, मगर शराब और पान मसाला ब्लैक में मिल जाता है। इस लिए अब उन्होंने कम कर दिया है। काफी हद तक कम हुआ है नशा डॉक्टर कोटनिस एक्यूपंक्चर अस्पताल के डॉ. इंद्रजीत ढींगरा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान नशा कुछ हद तक कम हुआ है। मगर उस दौरान उनके नशा छुड़ाऊ केंद्र में कोई नया केस नहीं आया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से पहले जिन लोगों का उपचार चल रहा था। सरकारी गाइडलाइन के अनुसार उन्हें एक-एक महीने की एडवांस दवा दी गई थी। वैसे जो लोग ज्यादा नशा करने के आदी हैं, अगर उन्हें नशा न मिला तो वो मानसिक तनाव का शिकार हो सकते हैं।

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